अमेरिका ने हिंदू मंदिर का निर्माण रोकने के लिए बदल दिया नियम, पहले खुद ही दी थी मंजूरी
हेंडरसन हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण जगह है
मंदिर कमेटी ने निवासियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए मंदिर की ऊंचाई और पार्किंग स्थल को लेकर कई बदलाव किए।
वाशिंगटन। भारत समेत समेत दुनिया भर को धार्मिक स्वतंत्रता पर ज्ञान देने के मामले में अमेरिका सबसे आगे रहता है, लेकिन अपने देश में अल्पसंख्यकों के मामले में वह खुद पाकिस्तान की राह पर है। जी हां, जैसे पाकिस्तान इस्लामाबाद में प्राचीन हिंदू मंदिर का निर्माण होने नहीं दे रहा है, उसी तरह अमेरिका के लॉस वेगास स्थित हेंडरसन शहर का हिंदू समुदाय अपना मंदिर बनाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है। शहर प्रशासन ने मंदिर के निर्माण के लिए अनुमति दी थी, जिसके बाद निर्माण शुरू हो गया लेकिन एक साल के भीतर ही सिटी काउंसिल ने इसे वापस ले लिया। शहर में रहने वाले हिंदुओं ने भेदभाव का आरोप लगाया है। आनंद उत्सव नाम के इस हिंदू मंदिर को हेंडरसन के ग्रामीण इलाके में 5 एकड़ के भूखंड पर बनाया जाना है, लेकिन 2022 में स्थानीय निवासियों के विरोध का बहाना लेकर सिटी काउंसिल ने इसकी मंजूरी पर रोक लगा दी। अमेरिकन हिंदू एसोसिएशन के संस्थापकों में एक सतीश भटनागर ने फॉक्स 5 न्यूज पोर्टल को बताया कि हेंडरसन हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण जगह है। भटनागर और बाबा अनल ने यह जमीन 4 लाख डॉलर से कुछ ज्यादा में खरीदी थी। मंदिर कमेटी ने निवासियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए मंदिर की ऊंचाई और पार्किंग स्थल को लेकर कई बदलाव किए।
हर चीज को न्यूनतम स्तर पर ला दिया गया। इसके बाद सिटी काउंसिल ने 4-1 से निवासियों की अपील को खारिज कर दिया और अमेरिकन हिंदू एसोसिएशन को एक साल के लिए सशर्त उपयोग का परमिट दिया। मंदिर समिति ने इस पर काम भी शुरू कर दिया, लेकिन परमिट की अवधि समाप्त होने से एक महीने पहले ही सिटी काउंसिल ने नियमों में बदलाव कर दिया, जिसके बाद इलाके में धार्मिक सुविधाओं पर रोक लगा दी गई।
बाबा अनल बताते हैं कि इंजीनियरों का काम लगभग पूरा हो चुका है। कागजी कार्रवाई को पूरा करने के लिए अब अनावश्यक बाधाएं खड़ी कर दी गई हैं। अनल ने कहा कि जब एएचए ने परमिट को बढ़ाने की अर्जी डाली तो हेंडरसन सिटी काउंसिल ने इनकार कर दिया।
2022 में मिली थी मंदिर के लिए मंजूरी
भटनागर ने कहा कि हेंडरसन के समरलिन में एक हिंदू मंदिर होने के कारण वे शहर के दूसरी तरफ हिंदुओं के लिए पूजा स्थल चाहते हैं। उन्होंने बताया कि हिंदू समिति में लगभग 100,000 सदस्य हैं। अगस्त 2022 में मंदिर को मंजूरी मिलने के बाद उसी साल अक्टूबर में निवासियों के फैसले के खिलाफ अपील की और दावा किया कि इससे ग्रामीण संरक्षण को नुकसान पहुंचेगा। हालांकि, उसी इलाके में पहले से तीन चर्च मौजूद हैं।
Comment List