एमबीएस अस्पताल की नई ओपीडी का वेटिंग हॉल पड़ा है बंद
हैरिटेज लुक में इमारत बना दी, किंतु बिजली के तार अभी तक झूल रहे बाहर
नई इमारत की खिडकियां भी टूटने लगी हैं।
कोटा। कोटा जिले के सबसे बड़े अस्पताल से दबाव कम करने के लिए नई ओपीडी तैयार की गई थी। अस्पताल के लिए नई ओपीडी तो तैयार हो गई लेकिन उसमें कई सुविधाएं अभी भी बंद हैं। ओपीडी में बंद इन सुविधाओं का लाभ मरीजों और उनके परिजनों को मिलना था। नई ओपीडी में मरीजों और परिजनों के लिए बनाया गया वेटिंग हॉल अभी भी बंद पड़ा है। साथ ही इमारत के बाहर मौजूद लाइट के स्थान पर खाली तार लटके हुए हैं। उनके स्थान पर अभी बल्ब नहीं लग पाए हैं।
इमारत में अभी तक नहीं लगी लाइट
यूआईटी के द्वारा एमबीएस अस्पताल की नई ओपीडी को हैरिटेज लुक में तैयार किया गया था। जिससे इसे राजस्थान के इतिहास और धरोहर के साथ जोड़ा जा सके। वहीं ओपीडी तैयार होने के बाद इमारत के कई कार्य अभी भी बाकी हैं। जिसमें सबसे जरूरी इमारत के बाहर लगने वाली लाइट बल्ब हैं, जो अभी तक नहीं लग पाए हैं। ये लाइट बल्ब ओपीडी के हैरिटेज लुक को और निखारने के लिए लगाने थे। लेकिन उनकी जगह पूरी इमारत में इनकी जगह केवल तार लटक रहे हैं। इसके अलावा नई इमारत की खिडकियां भी टूटने लगी हैं।
ओपीडी शुरू होने से ही बंद है वेटिंग हॉल
एमबीएस अस्पताल के लिए दो साल पहले तैयार की गई नई ओपीडी में मरीजों व परिजनों के लिए सभी तरह की सुविधाएं भी बनाई गई थी, जिसमें वेटिंग हॉल भी शामिल था। पुरानी इमारत में ओपीडी में दिखाने आने वाले मरीजों के लिए अलग से कोई वेटिंग हॉल मौजूद नहीं था। इसी समस्या के समाधान के लिए नई इमारत में वेटिंग हॉल बनाया गया था। लेकिन नई ओपीडी के चालू होने के बाद भी इसका वेटिंग हॉल अभी भी बंद पड़ा है। ऐसे में वेटिंग हॉल होने के बाद भी उसका लाभी मरीजों और परिजनों को नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते परिजनों को सीढ़ीयों और यहां वहां बैठना पड़ रहा है। जबकि वेटिंग हॉल में 50-70 लोगों के बैठने की व्यवस्था है, बावजूद इसके वेटिंग हॉल की सीटों पर धूल जमा है। इतना ही नहीं वेटिंग हॉल की खाली जगह पर अस्पताल प्रशासन ने कचरे के पात्र रखे हुए हैं।
लोगों का कहना है
अस्पताल में वेटिंग हॉल शुरूआत से ही बंद है, कभी खुला हुआ नहीं देखा। ओपीडी में आने पर साथ आने वाले को पर्ची कटाते समय खड़ा रहना पड़ता है। वेटिंग हॉल मौजूद है तो उसकी सुविधा मिलनी चाहिए।
- शंभू सिंह राठौर, रंगबाड़ी
पुरानी इमारत में वेटिंग हॉल मौजूद नहीं था, नई में बना ते दिया लेकिन बंद किया हुआ है। ऐसे में इसके बनना भी न बनने के बाराबर ही हो गया। क्योंकि इसका किसी कोे लाभ नहीं मिल पा रहा है। मरीजों को इधर उधर या नीचे बैठना पड़ता है।
- हरीश प्रजापति, इंद्रा गांधी नगर
इनका कहना है
नई ओपीडी में बने वेटिंग हॉल को तकनीकी कारणों और ढकान नहीं होने से बंद किया हुआ था। जल्द उसे खोल दिया जाएगा। इमारत के बाहर रोशनी के लिए लाइट लगाने का कार्य यूआईटी की ओर से किया जाना है। उसके लिए यूआईटी को पत्र लिखा हुआ है।
- धर्मराज मीणा, अधीक्षक, एमबीएस अस्पताल
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