गंगा जल संधि की करेंगे समीक्षा, बंग्लादेश के लोगों को चिकित्सा के लिए मिलेगा ई-वीजा : मोदी
बंगलादेश के साथ अपने संबंधों को भारत अत्यधिक प्राथमिकता देता है
बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के बाद एक साझा संवादाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और बंगलादेश गंगा जल संधि की समीक्षा करने पर सहमत हुए हैं और बंगलादेश से चिकित्सा के लिए भारत आने वालों के लिए ई-वीजा की सुविधा दी जाएगी। मोदी ने विकास कार्यों में भारत का सबसे बड़ा भागीदार बताते हुए कहा कि बंगलादेश के साथ अपने संबंधों को भारत अत्यधिक प्राथमिकता देता है। मोदी भारत की दो दिन की यात्रा पर नयी दिल्ली आयीं बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के बाद एक साझा संवादाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि दोनों देश डिजिटल प्रौद्योगिकी, समुद्र और अंतरिक्ष क्षेत्र की पहलों और रक्षा उत्पादन तथा मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में सहयोग के विस्तार पर सहमत हुए हैं। मोदी ने बंगलादेश के संस्थापक राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के स्थिर, समृद्ध और प्रगतिशील बंगलादेश के सपने को साकार करने में, भारत के सहयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बंगलादेश अल्प विकसित देश की श्रेणी से निकल कर विकासशील देश बनने जा रहा है। उन्होंने बंगलादेश की इस प्रगति में श्रीमती हसीना के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि 'सोनार बंगला को नेतृत्व देने के लिए मैं प्रधानमंत्री शेख हसीना का अभिनन्दन करता हूँ।
हसीना के साथ संबंधों की प्रागढ़ता को रखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले लगभग एक वर्ष में, हम दस बार मिले हैं। लेकिन अब मुलाकात विशेष है, क्योंकि हमारी सरकार के तीसरे कार्यकाल में प्रधान मंत्री शेख हसीना जी हमारी पहली राजकीय अतिथि हैं। मोदी ने कहा कि बंगलादेश हमारी सबसे पहले पड़ोसी पॉलिसी, पूर्व के देशों के साथ काम करने की नीति पॉलिसी, सागर (क्षेत्र में सभी देशों के लिए सुरक्षा और समृद्धि) और एशिया प्रशांत क्षेत्र के बारे में भारत से सपने और पहल के संगम पर स्थित है। उन्होंने कहा कि भारत और बंगलादेश ने पिछले एक ही वर्ष में साथ मिल कर लोक कल्याण के अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं को पूरा किया है।इस संबंध में उन्होंने अखौड़ा से अगरतला के बीच भारत-बंगलादेश के बीच छठे सीमा-पारीय रेल मार्ग सम्पर्क, खुलना-मोंगला बंदरगाह से भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए मालवहन सुविधा, मोंगला बंदरगाह को रेल से जोडऩे की परियोजना तथा।320 मेगावाट क्षमता के मैत्री थर्मल पावर प्लांट के दोनों यूनिट्स से बिजली उत्पादन शुरू किए जाने का उल्लेख किया।
मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच अब भारतीय रुपये में व्यापार की शुरुआत भी हो चुकी है।भारत-बंगलादेश के बीच, गंगा नदी पर, दुनिया की सबसे लंबी नीदी क्रूज सेवा को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।भारत-बंगलादेश के बीच पहली सीमापारीय मैत्री गैस पाइपलाइन भी पूरी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि भारतीय ग्रिड से होते हुए, नेपाल से बंगलादेश तक बिजली निर्यात, ऊर्जा क्षेत्र में उप-क्षेत्रीय सहयोग का पहला उदाहरण बना है। एक ही वर्ष में, इतने सारे क्षेत्रों में, इतने बड़ी-बड़ी पहलों को जमीन पर उतारना, हमारे संबंधों की स्पीड और स्केल (गति और विस्तार) को दर्शाता है।
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री हसीना की इस यात्रा को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हमने नए क्षेत्रों में सहयोग के लिए भविष्यदर्शी रुप रेखा तैयार की है। उन्होंने कहा कि आज की बातचीत में दोनों पक्षों के बीच ग्रीन पार्टनरशिप, डिजिटल पार्टनरशिप, ब्लू इकॉनमी, स्पेस जैसे अनेक क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति बनी है और इस सहमति का लाभ दोनों देशों के युवाओं को मिलेगा। भारत बंगलादेश मैत्री उपग्रह हमारे संबंधों को नई ऊंचाई देगी। हमने - संपर्क सुविधा, वाणिज्य और सहयोग को अपनी सोच के केंद्र में रखा है। पिछले दस वर्षों में हमने 1965 से पहले की संपर्क सुविधाओं को दोबारा खड़ा कि कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब हम और अधिक डिजिटल और एनर्जी कनेक्टिविटी पर बल देंगे।
इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को गति मिलेगी। हमारे आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए, दोनों पक्ष सीपा पर बातचीत शुरू करने के लिए सहमत हैं। प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि बंगलादेश के सिराजगंज में एक स्थलीय कंटेनर डिपो के निर्माण के लिए भारत समर्थन देगा। मोदी ने दोनों देशों के बीच नदी जल क्षेत्र में सहयोग को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच 54 नदियाँ साझा है, ये भारत और बंगलादेश को जोडती हैं । दोनों देश बाढ़ से निपटने, स्थिति की पूर्व चेतावनी, पेयजल परियोजनाओं के क्षेत्र में आपस में सहयोग करते आये हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि दोनों देशों ने गंगा जल संधि के नवीनीकरण के लिए तकनीकी स्तर पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए, रक्षा साजो-सामान के विनिर्माण से लेकर सैन्य बलों के आधुनिकीकरण पर, हमारी विस्तार से चर्चा हुई।
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