नियो निटेल केयर: 10 दिन की हुई शेरनी तारा की शावक, अभी आंखें नहीं खुली
रेस्क्यू कर लाई गई मादा जरख 8 साल की हो चुकी
नियो निटेल केयर में अब तक करीब 4 लेपर्ड शावक को लाया जा चुका है।
जयपुर। नाहरगढ़ जैविक उद्यान स्थित रेस्क्यू सेंटर में बनाया नियो निटेल केयर विभिन्न वन्यजीवों के शावकों के लिए पालन-पोषण का केन्द्र बन गया है। पिछले मई माह में बाघिन रानी ने दो शावकों को जन्म दिया था लेकिन आक्रामक रवैये को देखते हुए शावकों को मां से अलग कर नियो निटेल केयर में उनकी देखरेख की गई।
करीब 5 माह का होने के बाद इन्हें नाहरगढ़ जैविक उद्यान स्थित एन्क्लोजर में शिफ्ट कर दिया जाएगा। पिछले दिनों शेरनी तारा ने मादा शावक को जन्म दिया, परंतु मां की ओर से शावक की केयर ना करने पर उसे भी यहीं शिफ्ट कर उनका पालन पोषण किया जा रहा है। शावक करीब 9 दिनों की हो गई है।
जंगल में मां से बिछड़े लेपर्ड शावकों को लाया गया यहां
विभिन्न वन क्षेत्रों में मां से बिछडे लेपर्ड शावकों को भी रेस्क्यू कर यहां बेहतर इलाज के लिए लाया गया है। नियो निटेल केयर में अब तक करीब 4 लेपर्ड शावक को लाया जा चुका है। जिसमें कृष्णा, विराट, शिवा और राधा शामिल हैं। सरिस्का वन क्षेत्र से रेस्क्यू कर लाई गई मादा जरख अब 8 साल की हो गई है। साथ ही अब तक करीब 10 बच्चों को जन्म भी दे चुकी है। इसके अतिरिक्त साल सरिस्का और केवलादेव से लाए गए जंगल कैट के शावक भी अब बड़े हो गए हैं। इन्हें अभी नॉन डिस्प्ले एरिया में रखा गया है।
यहां बाघों की संख्या हुई आठ
बाघिन भक्ति, रंभा, चमेली, रानी और एक मादा शावक स्कन्दी।
बाघ शिवाजी, गुलाब और शावक भीम।
प्योर एशियाटिक शेरों की संख्या छह।
शेर त्रिपुर, शक्ति।
शेरनी तारा, सृष्टि और दुर्गा एवं एक मादा शावक।
यहां नियो निटेल केयर बाघ, शेर सहित अन्य वन्यजीवों के शावकों की देखरेख की गई है। यहां इन्हें पूरी तरह से अनुकूल वातावरण दिया जाता है। साथ ही खानपान और आवश्यक दवाइयों का ध्यान रखा जाता है।
- डॉ.अरविंद माथुर, वरिष्ट वन्यजीव चिकित्सक, नाहरगढ़ जैविक उद्यान
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