अग्निवीर की मौत पर मुआवजे की प्रक्रिया लंबी : भदौरिया

अनुग्रह मुआवजा राशि की प्रक्रिया में शामिल कदमों के बारे में विस्तार से बताया

अग्निवीर की मौत पर मुआवजे की प्रक्रिया लंबी : भदौरिया

अगर ये युद्ध में हुई मृत्यु है या शारीरिक क्षति है, तो इसे स्थापित किया जाना होगा। 

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया ने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में एक अग्निवीर की दु:खद मृत्यु के मामले में अनुग्रह मुआवजा राशि की प्रक्रिया में शामिल कदमों के बारे में विस्तार से बताया और भुगतान मिलने में लगने वाले समय से जुड़ी चिंताओं पर भी बात की। उन्होंने कहा कि मुआवजे और अन्य राशियों के भुगतान के लिए एक प्रक्रिया है। क्योंकि अगर ये युद्ध में हुई मृत्यु है या शारीरिक क्षति है, तो इसे स्थापित किया जाना होगा। 

इसे स्थापित किए जाने की प्रक्रिया में कुछ दिशा-निर्देशों का पालन किया जाता है। घटना की पूरी रिपोर्ट, न्यायिक जांच और पुलिस की रिपोर्ट, ये सब इसके प्रमुख तत्व हैं। इस प्रक्रिया को पूरा किया जाना चाहिए। किसी सामान्य सैनिक या अग्निवीर के मामले में ये प्रक्रिया कोई अलग नहीं है, एक जैसी ही है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर इसमें दो से तीन महीने लगते हैं क्योंकि इसमें जांच भी शामिल होती है।

अग्निवीरों के लिए बीमा कवर में वेतन से कटौती नहीं होती 
एयर चीफ मार्शल भदौरिया (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यूनिट के रक्षा कर्मी संबंधित परिवार का ख़्याल रखते हैं और प्रक्रिया उन्हें विस्तार से समझाते हैं। उन्होंने कहा कि हर यूनिट बहुत सावधानी बरतती है। वे लोग परिवार के संपर्क में रहने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। वे हमेशा परिवार के संपर्क में रहते हैं और सविस्तार उन्हें समझाते हैं। भदौरिया ने ये भी बताया कि, किसी सैनिक की मृत्यु की स्थिति में बीमा राशि का एक बड़ा हिस्सा उसके निकटतम रिश्तेदार को दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जब भी ऐसी कोई घटना होती है और कोई अपनी जान गंवाता है, तो सभी मामलों में बीमा राशि सीधे जमा हो जाती है-चाहे युद्ध में मिली वीरगति का मामला हो, शारीरिक क्षति हो, इसके फलस्वरूप हो, या न हो। एक सामान्य सैनिक के पास उनकी अपनी पॉलिसी होती है। वे आम तौर पर 24 या 48 घंटों के भीतर 50 प्रतिशत राशि जमा कर देते हैं और फिर परिवार से मिलते हैं और पूछते हैं कि वे बाकी राशि कैसे चाहते हैं।

अपने नाम पर या बच्चों के नाम पर। उन्होंने कहा कि इस संबंध में निकटतम रिश्तेदार को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इसमें कोई भ्रम नहीं है। पैसा केवल निकटतम रिश्तेदार के खाते में जा सकता है। परिवार को बहुत सारे वित्तीय परामर्श दिए जाते हैं, जिसकी कई सैनिकों के परिवारों को जरूरत पड़ती है। बीमा कंपनी द्वारा हमारे अधिकारियों और जवानों के जरिए इसे दिया जाता है। नियमित सैनिकों के उलट अग्निवीरों को बीमा के लिए अपने वेतन का कोई हिस्सा देने की आवश्यकता नहीं है और इसमें पूरी राशि भारत सरकार द्वारा दी जाती है। 

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नियमित सैनिक की तनख्वाह से हर महीने लगभग 5000 रुपए की कटौती
 एयर चीफ मार्शल भदौरिया (सेवानिवृत्त) ने कहा कि खासकर अग्निवीर के मामले में बीमा का भुगतान भारत सरकार द्वारा किया जाता है। अग्निवीर इसमें कोई पैसा नहीं देते। एक नियमित सैनिक की तनख्वाह से हर महीने लगभग 5000 काटे जाते हैं। तीनों सैन्य सेवाओं में आप एक अंशदायी बीमा योजना का हिस्सा होते हैं। सिपाहियों से लगभग 5000 का शुल्क लिया जाता है, जो कि 60,000 प्रति वर्ष होता है और आपको बीमा मिलता है। इन तीनों सेवाओं में बीमा राशि के आंकड़े थोड़े अलग हैं, लेकिन सिपाहियों के लिए ये तकरीबन 50-60 लाख की राशि होती है। ये अंशदायी योजना है। अग्निवीरों की बात करें तो वे इसमें कोई योगदान नहीं करते हैं। अगर कुछ हो जाता है तो भारत सरकार बीमा का भुगतान करती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक पुलिस रिपोर्ट नहीं आ जाती और ये तय नहीं हो जाता कि मामला युद्ध में वीरगति का है, तब तक केंद्रीय कल्याण कोष से अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि आपको सभी अंतिम खातों के निपटान के लिए कागजी कार्रवाई पूरी होने का इंतजार करना होगा। इसमें पुलिस रिपोर्ट सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है।

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उसके आधार पर, चाहे ये युद्ध में मृत्यु का मामला हो या न हो, जब तक पुष्टि नहीं मिल जाती है तब तक केंद्रीय कल्याण कोष से अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं किया जा सकता है। सेवानिवृत्त एयर चीफ मार्शल ने कहा कि इस मामले (अग्निवीर अजय सिंह) में जम्मू और कश्मीर पुलिस अपनी रिपोर्ट भेजेगी। मुझे लगता है कि वे कार्रवाई पूरी हो जानी चाहिए थी। इसके अलावा भदौरिया ने कहा कि अग्निवीर अजय कुमार के परिवार को पहले ही 98.39 लाख रुपये मिल चुके हैं और उन्हें अतिरिक्त 67 लाख रुपये मिलेंगे। उनके परिजनों को कुल 1.65 करोड़ तक की राशि मिलेगी। उन्होंने कहा कि कुछ और पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे। ये सेना के केंद्रीय कल्याण कोष की अनुग्रह राशि, उनकी सेवा के बचे भाग का भुगतान शेष और सेवा निधि पैकेज आदि होंगे। इसलिए ये अतिरिक्त 67 लाख से अधिक की राशि होगी। इस प्रकार उनके परिजनों को मिलने वाली कुल पारिश्रमिक राशि 1.65 करोड़ जितनी होगी। ये पुष्ट तथ्य हैं।

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