आयुक्त ने सरकार से मांगी लग्जरी कार, कांग्रेस पार्षदों ने रोक लगाने की मांग की

डीएलबी को लिखा पत्र, वाहन क्रय करने पर रोक की मांग

आयुक्त ने सरकार से मांगी लग्जरी कार, कांग्रेस पार्षदों ने रोक लगाने की मांग की

जनहित के काम में तो बजट का टोटा बताया जा रहा।

कोटा। नगर निगम कोटा दक्षिण के कांग्रेस पार्षदों ने सोमवार को डीएलबी निदेशक को पत्र भेजकर आयुक्त द्वारा स्वयं के लिए निगम कोष से वाहन क्रय करने का विरोध करते हुए उस पर रोक लगाने की मांग की है। निर्माण समिति के अध्यक्ष इसरार मोहम्मद, गैराज समिति के अध्यक्ष कपिल शर्मा, पार्षद अनुराग गौतम, ऐश्वर्य श्रृंगी, गफ्फार ने स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव के नाम पत्र लिखा। जिसमें बताया कि कोटा दक्षिण आयुक्त ने गत दिनों डीएलबी निदेशक को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने स्वयं के लिए एक लग्जरी कार क्रय करने की अनुमति देने का आग्रह किया है।  जिसमें लिखा कि आयुक्त के लिए वर्तमान में जो वाहन है वह वर्ष 2003 मॉडल का काफी पुराना है। इस वाहन का उपयोग ज्यादा अवधि तक नहीं किया जा सकता। इस पर व्यय भी अधिक होता है। ऐसे में नई कार क्रय की जानी है।

31 लाख की कार खरीदने की मांगी स्वीकृति
कार की कीमत 31 लाख रुपए बताई गई है। साथ ही कार क्रय करने पर होने वाला  व्यय कोटा दक्षिण निगम बजट से करना बताया है। पार्षदों ने पत्र के माध्यम से लिखा कि आयुक्त द्वारा एक तरफ तो बजट के अभाव में वार्डों में होने वाले जनहित के कामों को रोक दिया गया है। सफाई व्यवस्था में लेबर तक के टेंडर नहीं किए हैं। बिजली, नल, उद्यान व जन स्वास्थ्य के टेंडर तक नहीं किए गए हैं। ऐसे में आयुक्त द्वारा स्वयं के लिए 31 लाख की नई कार खरीदने के लिए स्वीकृति मांगी है।  ऐसे में उन्हें लग्जरी वाहन  की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।  पार्षदों ने डीएलबी निदेशक को लिखे पत्र में कहा कि आयुक्त द्वारा नई कार क्रय करने के लिए चाही गई स्वीकृति पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए।  पत्र की प्रति स्वायत्त शासन मंत्री झाबर मल खर्रा  को भी भेजी है। नया वाहन क्रय करने की अनुमति के बारे में जब आयुक्त सरिता सिंह से जानने के लिए सम्पर्क किया गया तो उनके द्वारा फोन ही रिसीव नहीं किया। 

बोर्ड में न प्रस्ताव न स्वीकृत
पार्षदों का आरोप है कि आयुक्त द्वारा अपने लिए 31 लाख का नया वाहन क्रय करने की स्वीकृति तो डीएलबी से मांगी गई है। लेकिन उसके लिए न तो बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव रखा गया है और न ही वहां से स्वीकृत कराया गया है। जबकि बोर्ड बैठक में जो निर्णय व कार्य स्वीकृत हुए हैं उनकी तो पालना ही नहीं की जा रही। 

कोटा उत्तर महापौर को नहीं मिली नई कार
इधर नगर निगम कोटा उत्तर की महापौर मंजू मेहरा के लिए नई कार क्रय करने का प्रस्ताव तो कोटा उत्तर की बोर्ड बैठक में पारित हो चुका है। उसके बाद भी उनके लिए अभी तक नई कार नहीं आई है। हालांकि कोटा दक्षिण महापौर के लिए नई लग्जरी कार विधानसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले ही क्रय की जा चुकी थी। उन्हें नई कार विधानसभा चुनाव की आचार संहिता हटते ही मिल गई थी। 

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