सावधान : आरएसए के नाम पर कार मालिकों के साथ हो रही ठगी

सभी ब्रांड कार कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने माना डेटा हो रहा लीक

सावधान : आरएसए के नाम पर कार मालिकों के साथ हो रही ठगी

नई कार खरीदने के 5 से 10 दिन में कस्टरमर के पास आ रहे फेक कॉल।

कोटा। शिक्षा नगरी में नए कार मालिक जालसाजों के निशाने पर हैं। होम लोन, एफडी, इंश्योरेंस, चिटफंड, लॉटरी के नाम पर ठगी के बाद अब जालसाजों ने लोगों को ठगने का नया तरीका इख्तियार किया है। कार उपभोक्ताओं को रोड साइड असिस्टेंस सर्विस के नाम पर झांसे में लेकर लूट रहे हैं। अपराधी न केवल पैसे छीन रहे बल्कि इमोशन के साथ भी खेल रहे हैं। लोगों की शिकायतों के बाद दैनिक नवज्योति ने पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले मामले सामने आए। सभी कार शौरूम के ब्रांच हैड, सेल्स मैनेजर, रिलेशनशिप मैनेजर ने स्वीकार किया कि कई राज्यों में ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो उपभोक्ताओं को कम्पनी का एम्लॉई बताते हुए कस्टमर को फेक कॉल कर आरएसए सर्विस उपलब्ध करवाने का झांसा देकर ठग रहे हैं। जबकि, यह सर्विस कम्पनी खुद 3 से 5 साल तक उपभोक्ताओं को मुफ्त में देती है। 

कार खरीदने के 5 से 10 दिन में आता है फेक कॉल
अनंतपुरा स्थित एक कार कम्पनी के शौरूम के सेल्स मैनेजर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रोड साइड असिस्टेंट सर्विस के नाम पर फेंक कॉल किए जाने की लगातार शिकायतें मिल रही है। ग्राहक के नई कार खरीदने के 5 से 10 दिन में ही उनके मोबाइल पर फेंक कॉल आता है, उन्हें पता होता है कि कस्टमर ने किस कम्पनी की कौनसे मॉडल की कार कब  खरीदी है। वे ग्राहकों को 5 या 8 साल के लिए आरएसए सुविधा किफायती दामों पर देने की बात करते हैं और घर का पता पूछते हैं। वे ग्राहक का विश्वास जीतने की पूरी कोशिश करते हैं फिर उनके एडेÑस पर नकली रोड साइड असिस्टेंट कार्ड कुरियर कर भेजते हैं। इसके बदले वे 5 से 18 हजार रुपए यूपीआई के जरिए आॅनलाइन ट्रांसफर करवाते हैं। जब कस्टमर उस कार्ड में दिए नम्बर पर फोन करते हैं तो वह बंद आता है। तब जाकर उसे ठगी का शिकार होने का अहसास होता है। 

पहले कुरियर अब यूपीआई से लगा रहे चपत
रोडसाइड असिस्टेंस सेवा सड़क पर ब्रेकडाउन या आपातकालीन स्थिति में कार मालिकों को सहायता प्रदान करती हैं। आमतौर पर यह सुविधा कार निर्माता  कम्पनी या अन्य सेवा प्रदाताओं द्वारा दी जाती हैं। पहले, ठग ग्राहक के एड्रेस पर कुरियर के माध्यम से नकली आरएसए कार्ड भेजते थे फिर इसके बदले 5 हजार से 18 हजार रुपए फीस के रूप में यूपीआई चैनलों के माध्यम से भुगतान करने का अनुरोध करते हैं। ऐसे में नए कार मालिकों को आॅथराइज्ड  डीलर व रिलेशनशिप मैनेजर व ब्रांच मैनेजर से सम्पर्क करना चाहिए। 

क्या है रोड साइड असिस्टेंट सुविधा
रोड साइड असिस्टेंस एक ऐसी सर्विस है, जो कार मालिकों को तब सहायता उपलब्ध करवाती है, जब उनके वाहन सड़क पर अचानक खराब हो जाते हैं या दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। यह सुविधा गाड़ी खरीदते वक्त उपभोक्ता को कार कम्पनी द्वारा 3 से 5 साल के लिए फ्री में दी जाती है। इसके तहत आॅल ओवर इंडिया में रात-बेरात गाड़ी किसी भी कारण से बंद हो जाए या खराब हो जाए तो इस आरएसए कार्ड पर दिए नम्बर पर एक फोन पर सेवा प्रदाता कम्पनी द्वारा मौके पर मैकेनिक भेज समाधान किया जाता है।  

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ठगी के शिकार होने से बचे बाल-बाल
कुन्हाड़ी निवासी याज्ञवेंद्र सिंह ने बताया कि जनवरी 2024 को उन्होंने होंड़ा सिटी कार खरीदी थी। इसके 15 दिन बाद ही एक फेक कॉल आया। लड़की बात कर रही थी और खुद को हुंडई कम्पनी की एम्लोई बताया। उसने 10 हजार रुपए में 5 साल के लिए रोड साइड सर्विस देने की बात कही और घर का एड्रेस पर 2 दिन में आरएसए कार्ड कुरियर से भेजने की बात कही। लड़की   धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल रही थी। उसकी बातों से विश्वास होने लगा लेकिन कम्पनी ने पहले ही गाड़ी खरीदते वक्त इस तरह के फेक कॉल आने की बात बताई थी। जैसे ही मैंने कम्पनी के सेल्स मैनेजर को कॉन्फ्रेंस पर लेने की बात कहीं तो उसने फोन कट कर दिया। 

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सेल्स मैनेजर को ही ठगने का प्रयास
अनंतपुरा स्थित एमजी कम्पनी के सेल्स मैनेजर गौरव ने बताया कि मैने मई माह में अपनी ही कम्पनी की कार खरीदी थी। इसके 18 दिन बाद ही मोबाइल पर फेक कॉल आ गया। फोन पर लड़की थी जो खुद को एमजी कम्पनी दिल्ली में एम्लोई होना बताया और 10 हजार रुपए में 5 साल के लिए रोड साइड असिस्टेंट सर्विस देने का  झांसा देने लगी। जब मैंने बताया कि मैं खुद एमजी कम्पनी में एम्लोई हूं तो उसने तुरंत फोन कट कर दिया। दोबारा नम्बर लगाया तो नोट रिचेबल आया। 

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नोएडा से चल रहा रैकेट 
टोयटा कम्पनी के सीनियर एम्लोई ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस तरह के मामले बहुत आ रहे हैं। यह गिरोह नोएडा से संचालित होता है। 4 साल पहले पुलिस ने लखनऊ में रोड साइड ब्रोकर के नाम से बड़ा रैकेट पकड़ा था। जालसाज एक फ्लैट में पूरा सेटअप तैयार किया हुआ था। इनके पास बड़ी मात्रा में फर्जी सिम मिली थी। पुलिस इंवेस्टीगेशन में सामने आया था कि जालसाज धाराप्रवाह अंगे्रजी बोलने वाले युवक-युवतियों को काम पर रखते थे। प्रत्येक बंदे को 10 फर्जी सिम दी जाती थी। कोई ग्राहक को फंसाने पर इंसेटिव दिया जाना भी सामने आया था। इस तरह के फ्रॉड से जागरूकता से ही बचा जा सकता है।  

फरअ यह देता है सुविधा
टोइंग सर्विस - रोड साइड असिस्टेंस में टोइंग सर्विस शामिल होती है। खराबी की स्थिति में जिस कार को मौके पर ठीक नहीं किया जा सकता है, तो उसे निकटतम गैरेज या सार्विस सेंटर तक ले जाने की सुविधा मुहैया करवाई जाती है।
टायर बदलाव असिस्टेंस - टायर पंचर हो जाए या फट जाने की स्थिति में रोड साइड असिस्टेंस सहायता करती है। इसके लिए एक प्रोफेशनल बंदे को मौके पर भेजा जाता है, जो टायर बदलकर राहत प्रदान करता है।  
बैटरी जंप-स्टार्ट - बैटरी खराब हो जाने पर गाड़ी स्टार्ट न होने की स्थिति में आरएसए  कार को फिर से चालू करने के लिए बैटरी जंप-स्टार्ट सेवा प्रदान करता है। सेवा प्रदाता आवश्यक उपकरणों का उपयोग करके बैटरी को तुरंत चालू कर देते हैं। ताकि, कस्टमर यात्रा जारी रख सकें।  
फ्यूल डिलीवरी - कार में पेट्रोल-डीजल खत्म होने की स्थिति में निकटतम पेट्रोल स्टेशन तक पहुंचाने के लिए सीमित मात्रा में र्इंधन उपलब्ध करवाया जाता है। यह फ्यूल इतना होता है कि आसपास पेट्रोल पम्प तक पहुंचने के लिए पर्याप्त होता है। लॉकआउट असिस्टेंस - कई बार गलती से कार के अंदर ही चाबी रखकर उसे बंद कर देते हैं, ऐसी स्थिति में भी इस सेवा के जरिए अपनी चाबियां वापस पा सकते हैं। सेवा प्रदाता एक फोन पर ऐसी टेक्निक बताते हैं, जिससे कार अनलॉक हो जाती है।  
आॅन-साइट रिपेयरिंग - रोड साइड असिस्टेंस सर्विस में आॅन-साइट रिपेयरिंग भी शामिल होती है, जिसमें कार टोर्चन,विशेषज्ञ मैकेनिक, खराब बैटरी, ढीला कनेक्शन या मशीनरी प्रोबलम समस्याओं को मौके पर ही ठीक करवाया जाना शामिल है। 

डेटा हो रहा लीक
आॅटो मोबाइल से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि जब कोई ग्राहक कार खरीदता है तो उसकी पूरी जानकारी की एक फाइल बनती है। जिसमें आधार कार्ड, मोबाइल नम्बर, पैन कार्ड सहित अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट लगते हैं। जब फाइल पूरी तरह से कम्पलीट हो जाती है तो उसे कम्पनी के पोर्टल पर आॅनलाइन अपलोड कर दी जाती है। इसके बाद कम्पनी से यह फाइल आरटीओ, इंश्योरेंस व फास्टैग को भेजी जाती है। डेटा शेयरिंग के वक्त  कहीं से डेटा लीक होता है। इसके बगैर यह संभव नहीं है कि किस ग्राहक ने किस शौरूम से किस कम्पनी की किस मॉडल की गाड़ी खरीदी है। जनवरी 2024 में जोधपुर में रोडसाइड ब्रोकर नाम से एक गिरोह पकड़ा था। यह नकली आरएसए कार्ड देकर लोगों को ठगता था। 

ऐसे बचें ठगी से 
- हर कम्पनी कार खरीदने के दौरान अपने ग्राहक के मोबाइल पर एप रजिस्टर करवाते हैं। जिस पर रोड साइड असिस्टेंट के नम्बर होते हैं। साथ ही सेल्स मैनेजर, सर्विस मैनेजर, शोरूम मैनेजर के रजिस्टर्ड नम्बर होते हैं, जिस पर कॉल कर क्रॉस चेक कर सकते हैं।
- जब कार कम्पनी 3 से 5 साल के लिए सर्विस देती है तो दूसरे के झांसे मे आने का सवाल ही नहीं बनता। ग्राहकों को ऐसे कॉल को अटैंड नहीं करना चाहिए।
- जब कोई फेक कॉल आए तो इसकी सूचना तुरंत संबंधित कार कम्पनी के एम्लोई को दें। 
- आरएसए का रजिस्ट्रेशन शौरूम पर ग्राहक के सामने ही कर दिया जाता है। आॅनलाइन नहीं होता और न ही इसके लिए कम्पनी द्वारा फोन किया जाता है।
- सजगता, जागरूकता से ही ठगी से बचा जा सकता है। 

रोड साइड अस्टिेंट के नाम पर जालसाज लोगों को ठगने का प्रयास करते हैं। यह आज से नहीं बल्कि कई समय से चल रहा है। लेकिन, शहर में अभी इस तरह की किसी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। 
-  सैनी, एडिशनल एसपी कोटा शहर

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