दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है भारत, इसे महान बनाने में संवैधानिक परम्पराओं की महत्वपूर्ण भूमिका : देवनानी

प्रक्रियाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है

दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है भारत, इसे महान बनाने में संवैधानिक परम्पराओं की महत्वपूर्ण भूमिका : देवनानी

वर्तमान परिवेश में कई बार असंसदीय परम्पराओं के कारण मन व्यथित होता है, असहनशीलता, सुनने की क्षमता में कमी आदि इसके प्रमुख कारण है।

जयपुर। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा एवं सफल लोकतंत्र है और इसे महान बनाने में यहां की समृद्ध संवैधानिक परम्पराए, नियम और प्रक्रियाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भविष्य में इस महान लोकतंत्र को इसी प्रकार बनाए रखने में देश के युवाओं का अहम योगदान होगा। देवनानी विधानसभा में आयोजित युवा संसद समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही धर्म सभा, न्याय सभा तथा राज सभा के रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्थाये रही है, क्योंकि भारत के जन जन के मन में लोकतांत्रिक सिद्धांतों और व्यवस्थाओं के प्रति गहरी आस्था है। उन्होंने युवा संसद में उपस्थित युवाओं का आह्वान किया कि इस संसदीय व्यवस्था में भागीदार बनकर इस महान लोकतंत्र में एक नयी उर्जा का संचार करें। वर्तमान परिवेश में कई बार असंसदीय परम्पराओं के कारण मन व्यथित होता है, असहनशीलता, सुनने की क्षमता में कमी आदि इसके प्रमुख कारण है।

युवाओं को कहा कि सहनशील और शिक्षित बनकर वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से राष्ट्र निर्माण के लिए हमेशा कार्य करते रहे। देवनानी ने कहा कि इस संविधान के आधार पर ही देश में विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका कार्य करती है इसलिए देश के युवाओं को संविधान में अपनी गहरी आस्था रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के युवा जातिवाद, क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर नेशन फर्स्ट की भावना के साथ कार्य करें और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए एक भारत श्रेष्ठ भारत की दिशा में काम करें।

देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि हमेशा दीन-दुखी, पिछड़े और गरीबों के उत्थान के लिए कार्य करें और समाज में अंधकार और अशिक्षा को दूर करने में अपने तन-मन-धन से हर संभव सहयोग करें। उन्होंने स्वयं के शिक्षक रहते हुए अपने अनुभव साझा करते हुए सदन में उपस्थित विद्यार्थियों को कहा कि मन में जिज्ञासा और गुणात्मक कार्यों में हमेशा अपनी रूचि बनाये रखनी चाहिए। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश के विकास, कर, कानूनों की क्रियान्विति आदि का निर्धारण विधानसभा से ही होता है। इसलिए इस पवित्र सदन में आना बहुत सौभाग्य की बात है। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि सदन में बैठकर यहाँ की कार्यप्रणाली को समझकर एक जागरूक नागरिक बने।

उन्होंने विद्यार्थियों को सोशल मीडिया के सीमित उपयोग के प्रति जागरूक रहने को कहा। विधायक और राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के अध्यक्ष संदीप शर्मा ने कहा कि संघ द्वारा आयोजित किये जा रहे युवा संसद कार्यक्रमों से युवाओं को लोकतंत्र की स्वस्थ परम्पराओं, दूसरे के विचारों का सम्मान और विधायिका के कामकाज को बारीकी से समझने का अवसर प्राप्त हो रहा है। इस कार्यक्रम में 41 विद्यालयों के 181 विद्यार्थियों द्वारा विधायक के रूप में सदन में बैठकर जनहित के प्रश्न पूछें गए एवं उनके द्वारा ही स्पीकर, मुख्येमंत्री,  नेता प्रतिपक्ष एवं मंत्री की भूमिका निभाई गयी। कार्यक्रम में 20 जयपुर के और 21 राज्य के अन्य जिलों एवं अन्य राज्यों के विद्यालयों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

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