Archeology Department : संग्रहालयों और स्मारकों में भी श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं के दर्शन
अल्बर्ट हॉल-अलवर संग्रहालय में 17वीं से 19वीं शताब्दी की श्रीकृष्ण की पेंटिंग हैं प्रदर्शित
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधीन आने वाले संग्रहालयों और स्मारकों में पर्यटक भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं के दर्शन करते हैं।
जयपुर। जयपुर को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है। जयपुर के आराध्य देव गोविंददेवजी, ब्रजनिधि, राधा माधव, गोवर्धन नाथ जी और विजय गोविंद देव आदि मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है। वहीं दूसरी ओर पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधीन आने वाले संग्रहालयों और स्मारकों में पर्यटक भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं के दर्शन करते हैं। 17वीं शताब्दी में बनी श्रीकृष्ण की पेंटिंग्स अल्बर्ट हॉल संग्रहालय में प्रदर्शित हैं। जिसमें श्रीकृष्ण को गोवर्धन पर्वत के समीप गोपियों के साथ दिखाया गया है। वैसे तो संग्रहालय में 100 से अधिक दुर्लभ पेंटिंग्स संग्रहित हैं। जिसमें से करीब 30 पेंटिंग्स को संग्रहालय में पर्यटकों के अवलोकनार्थ प्रदर्शित किया गया है। इसके अतिरिक्त राजकीय संग्रहालय अलवर में भी श्रीकृष्ण पर बनी करीब 17 पेंटिंग्स प्रदर्शित हैं। जो 19वीं शताब्दी की बताई जा रही हैं।
यहां संग्रहित है वेणु गोपाल की पाषाण प्रतिमा
हवामहल स्मारक में भगवान श्रीकृष्ण की सालों पुरानी पाषाण प्रतिमाएं हैं। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार स्मारक के स्टोर में वेणु गोपाल सहित श्रीकृष्ण की अन्य पाषाण प्रतिमाएं संग्रहित हैं। जिसमें कृष्ण को खड़े और हाथों में बंशी बजाते हुए दिखाया गया है। ये प्रतिमाएं 16वीं से 18वीं शताब्दी के बीच बताई जा रही है। इसके अतिरिक्त विभाग के अन्य स्मारकों में भी श्रीकृष्ण की पाषाण प्रतिमाएं संग्रहित हैं।
महाराजा सवाई प्रतापसिंह श्रीकृष्णजी के अनन्य भक्त थे। उन्होंने हवामहल अपने इष्टदेव के मस्तक को सुशोभित करने वाले मुकुट के समान बनवाया था। यहां भगवान श्रीकृष्ण की पाषाण प्रतिमाएं संग्रहित हैं।
- सरोजनी चंचलानी, अधीक्षक, हवामहल स्मारक
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