मनीष पटेल ने एएजी पद से दिया इस्तीफा

नई संहिता लागू हो चुकी थी

मनीष पटेल ने एएजी पद से दिया इस्तीफा

नियुक्तियां पुरानी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत की गई थीं, जबकि नई संहिता लागू हो चुकी थी।

जयपुर। आखिर राज्य के कानून मंत्री जोगाराम पटेल के पुत्र मनीष पटेल ने राजस्थान हाईकोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) के पद से इस्तीफा दे दिया है। पटेल ने इस्तीफा देने की पुष्टि करते हुए कहा है कि उन्होंने यह फैसला व्यक्तिगत कारणों से दिया है। जब पांच महीने पहले 12 मार्च को मनीष पटेल को जोधपुर हाईकोर्ट में एएजी नियुक्त किया गया था, तब से प्रतिपक्ष ने इस पर कई सवाल खड़े किए थे। प्रतिपक्ष ने इस मामले को विधानसभा में भी उठाया था। कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार से जवाब मांगा था, जिसके दौरान कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को सदन से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा में सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति का मुद्दा उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि नियुक्तियां पुरानी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत की गई थीं, जबकि नई संहिता लागू हो चुकी थी।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक मंत्री के बेटे को लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए पूर्व मे संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा था कि मनीष पटेल की नियुक्ति योग्यता के आधार पर हुई थी और विपक्ष के आरोप निराधार हैं। सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि व्यक्ति की नियुक्ति योग्यता के आधार पर हुई होगी और मंत्री का बेटा होना कोई अपराध नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जोधपुर दौरे से एक दिन पहले आए इस इस्तीफे को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही है। मोदी जोधपुर हाईकोर्ट की प्लैटिनम जुबली कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रविवार को एक दिवसीय दौरे पर जोधपुर पहुंच रहे हैं। पटेल ने अधिवक्ताओं के एक वाट्सएप गु्रप में अपने इस्तीफे की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा सौंप दिया है। 

 

Tags: manish

Post Comment

Comment List

Latest News