हम कोई आदेश किसी राजनीतिक दल से सलाह लेकर पारित नहीं करते: Supreme Court

तेलंगाना सीएम के बयानों पर जताई कड़ी आपत्ति 

हम कोई आदेश किसी राजनीतिक दल से सलाह लेकर पारित नहीं करते: Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीनों अंगों के बीच आपसी सम्मान की भावना होनी चाहिए। क्या कोई इस तरह अदावत करेगा।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बीआरएस नेता के कविता को मिली जमानत पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई है। सुप्रीम कोर्ट जब रेवंत रेड्डी के खिलाफ 2015 के कैश फॉर वोट मामले की सुनवाई तेलंगाना से बाहर ट्रांसफर करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी तो उसने कहा कि वो लंच के बाद आदेश पारित करेगा। जब दोपहर के बाद कोर्ट बैठी तो जस्टिस बीआर गवई ने तेलंगाना सरकार की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि देखिए उन्होंने क्या बयान दिया है। क्या एक जिम्मेदार मुख्यमंत्री से ऐसी अपेक्षा की जा सकती है। क्या हम कोई आदेश किसी राजनीतिक दल से सलाह लेकर पारित करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या एक जिम्मेदार मुख्यमंत्री से ऐसी अपेक्षा की जा सकती है?

क्या कहा था रेड्डी ने
दरअसल के कविता को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत मिलने के बाद रेवंत रेड्डी ने कहा था कि जमानत बीआरएस और बीजेपी कि मिलीभगत का नतीजा है। 

हम हमेशा कहते हैं कि हम कार्यपालिका या विधायिका के काम में दखल नहीं देंगे
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीनों अंगों के बीच आपसी सम्मान की भावना होनी चाहिए। क्या कोई इस तरह अदावत करेगा। हम हमेशा कहते हैं कि हम कार्यपालिका या विधायिका के काम में दखल नहीं देंगे। लेकिन ऐसी ही उम्मीद आपसे भी है। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने रेवंत रेड्डी के खिलाफ 2015 के कैश फॉर वोट मामले की सुनवाई तेलंगाना से बाहर ट्रांसफर करने की मांग करने वाली याचिका पर 2 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया।

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