छोटे भाई की हत्या के मामले में बड़े भाई और तीन भतीजों को उम्रकैद
जमीनी विवाद को लेकर किया था हमला
गुलाबचंद ने अपने भाई रामनारायण को जमीन पर कब्जा करने से मना किया था।
कोटा । झालावाड़ जिले के ग्राम ढाबा में सवा साल पहले जमीनी विवाद में बड़े भाई ने अपने तीन पुत्रों के साथ मिलकर अपने छोटे भाई की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी थी। इस मामले में मंगलवार को एडीजे अकलेरा के न्यायाधीश ने आरोपी बड़े भाई रामनारायण और उसके तीनों पुत्रों बीरम, धनरूप सिंह, धारा सिंह को गुलाबचंद की हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाते हुए जुर्माना भी लगाया है।
अकलेरा अपर लोक अभियोजक नेमीचंद यादव ने बताया कि मामले में 4 अप्रैल 2023 को ग्राम ढाबा निवासी फरियादिया मनोहर बाई मीणा पत्नी गुलाब चंद मीणा ने पुलिस थाना घाटोली जिला झालावाड़ में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें बताया था कि उसके घर के पास जमीन छूटी हुई थी जिस पर उसका जेठ रामनारायण मीणा कब्जा करना चाहता था। जब रामनारायण अपने लड़के बीरम, धनरूप, धारा सिंह के साथ उसके घर के सामने खाली जमीन पर कब्जा कर रहे थे। उसके पति गुलाबचंद ने अपने भाई रामनारायण को जमीन पर कब्जा करने से मना किया तो उस समय वे चले गए थे। गुलाबचंद की भैंस कहीं चली गई थी तो पति गुलाबचंद भैंस को तलाश करने के लिए चला गया। अगले दिन सुबह सात-आठ बजे घर आया तो उसका जेठ रामनारायण और उसके लड़के बीरम, धनरूप, धारासिंह ने उसके पति गुलाब चंद के साथ मारपीट की। पति की आवाज सुनकर वह गई तो देखा कि रामनारायण ने उसके पति पर कुल्हाड़ी से वार किया। इस दौरान उसकी जेठानी धन्नी बाई दूर से देख रही थी। भतीजे बीरम ने उसके पति गुलाबचंद को पकड़ लिया था और धारासिंह, धनरूप ने छाती में कुल्हाड़ी से कई वार किए और फरार हो गए।
पीड़िता ने रिपोर्ट में बताया कि पति गुलाबचंद गंभीर रूप से घायल हो गए थे वह उन्हें स्थानीय अस्पताल लेकर गई, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने हत्या सहित अन्य धाराओं में आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था तथा जेल भेज दिया था। अनुसंधान के दौरान सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए न्यायालय एडीजे अकलेरा में चालान पेश किया था। ट्रायल के दौरान अदालत में अभियोजन पक्ष की और से 26 गवाहों के बयान करवाए गए तथा कई दस्तावेज पेश किए गए। मामले में न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी रामनारायण उसके पुत्र बीरम, धनरुप सिंह, धारा सिंह को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा से दंडित किया ।
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