खाते में नहीं आई पेंशन, पाई-पाई को मोहताज हो रहे बुजुर्ग
सरकारी विभागों में लगा रहे चक्कर , जयपुर मुख्यालय से जारी नहीं
पेंशन नहीं आने पर पेंशनर कभी बैंक, कभी ई-मित्र, कभी ट्रेजरी तो कभी सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
कोटा । सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की ओर से दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिलने से जिले के बुजुर्ग पेंशनरों को इस तरह की परेशानी उठानी पड़ रही है। मुख्यालय की ओर से तीन माह से बजट ही जारी नहीं किया गया है। इसके चलते खाते में पेंशन नहीं आई है। पेंशन नहीं आने पर पेंशनर कभी बैंक, कभी ई-मित्र, कभी ट्रेजरी तो कभी सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हैं। जिले में कई बुजुर्गो के घर का खर्चा पेंशन की राशि से ही चलता है। अब पिछले दो माह से पेंशन की राशि खातों में जमा नहीं हो पाई है। इस कारण बुजुर्ग पेंशनरों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
भूखे मरने की आई नौबत
कोटा जिले में करीब 2 लाख 17 पेंशनर हैं जिनको सरकार की ओर से तय पेंशन दी जाती है। इनमें एकल नारी पेंशन, बुजुर्ग पेंशन, दिव्यांग पेंशन आदि शामिल हैं। ये सभी जरूरतमंद लोग हैं जिनके घर का खर्चा ही पेंशन से चलता है। पेंशन नहीं आने से भूखे मरने की नौबत आ गई है। पेंशनरों का कहना है कि पिछले तीन माह से पेंशन नहीं मिलने से रोजाना ई-मित्र केन्द्रों पर चक्कर लगाने जाते हैं, लेकिन वहां से कोई उचित जवाब नहीं मिलता है। इस कारण निराश होकर लौटना पड़ता है। विभागीय कार्यालय में जाने पर वहां से बताया जाता है कि जयपुर से बजट नहीं आया है, आते ही खातों में पेंशन की राशि डाल दी जाएगी।
21 हजार ने नहीं करवाया सत्यापन
इधर, विभाग की ओर से सामाजिक सुरक्षा पेंशन लेने वाले पेंशनर का सत्यापन करवाया जा रहा है, जिसमें से अभी तक 90 प्रतिशत पेंशनर ने ही सत्यापन करवाया है। अभी करीब 10 प्रतिशत पेंशनर का वार्षिक सत्यापन होना शेष है। जिले के 21 हजार पेंशनर ने अभी तक सत्यापन नहीं करवाया है। कई बार तिथि बढ़ाने के बावजूद इन पेंशनरों ने भौतिक सत्यापन नहीं करवाया है। मुख्यमंत्री वृद्धजन सम्मान पेंशन योजना में 55 वर्ष से अधिक आयु की महिला तथा 58 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष को 1150 रुपए प्रतिमाह पेंशन राशि प्रदान की जाती है।
केस- 1 मेरे चार बेटे हैं लेकिन कोई भी मुझे कमाकर नहीं देता, पति भी मर चुके हैं। अब पेंशन का ही सहारा है। तीन महीने से पेंशन नहीं आई है। ई-मित्र पर भी कोई जवाब नहीं मिलता, विभाग को भी नहीं पता की पेंशन कब आएगी।
-सुमन देवी, पेंशनर
केस-2 मेरे पति को मरे हुए कई साल हो गए, घरों में बर्तन धोकर पेट भरती हूं। मेरी पेंशन दो महीने से नहीं आई है। एक-एक पैसे की मोहताज हो गई हूं। लोगों से उधार मांगकर काम चला रही हूं। घर में राशन भी खत्म हो गया।
-लैला देवी, पेंशनर हुअ
जयपुर मुख्यालय की ओर से पिछले तीन माह से पेंशन का बजट नहीं दिया है। इसके चलते पेंशन नहीं आ रही है। पेंशनरों की संख्या अधिक है इसलिए टुकडों में बजट दिया जाता है। करीब 21 हजार पेंशनरों का सत्यापन नहीं हुआ है। इनकी भी पेंशन नहीं आ रही है। बजट जारी होते ही खातों में जमा करवा दी जाएगी।
-सविता कृष्णिया, संयुक्त निदेशक, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग कोटा
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