मेहनत रंग लाई, नालावास ग्राम में ग्रामीणों ने फिर किया मिट्टी के कच्चे बांध का पुनर्निर्माण

आपसी जनसहयोग से 5 दिन से लगातार श्रमदान करके ग्रामीणों ने फिर तैयार किया कच्चा बांध

मेहनत रंग लाई, नालावास ग्राम में ग्रामीणों ने फिर किया मिट्टी के कच्चे बांध का पुनर्निर्माण

लालसोट उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत झांपदा के नालावास गांव में मोरेल नदी बहाव क्षेत्र में नालावास एवं गोकुलपुरा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि वे क्षेत्र में गिरते भू-जल की समस्या को समाप्त करने के लिए कच्चे बांध का निर्माण कर क्षेत्र के भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए पूरी तरह जुटे हुए हैं।

दौसा। लालसोट उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत झांपदा के नालावास गांव में मोरेल नदी बहाव क्षेत्र में नालावास एवं गोकुलपुरा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि वे क्षेत्र में गिरते भू-जल की समस्या को समाप्त करने के लिए कच्चे बांध का निर्माण कर क्षेत्र के भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए पूरी तरह जुटे हुए हैं। ग्रामीणों ने इस वर्ष हुई अच्छी बारिश के चलते मोरेल बांध के भर जाने के बाद नालावास में एक बड़े कच्चे बांध का निर्माण किया परंतु तेज बारिश होने की वजह से पहले निर्माण किए गए कच्चे बांध में मोरेल नदी में पानी का तेज बहाव होने के कारण बांध में कटाव लगने से बांध क्षतिग्रस्त हो गया था। जिससे बांध में भरा पानी निकल गया था और ग्रामीण हताश हो गए थे लेकिन इसके बावजूद ग्रामीणों ने हार नहीं मानते हुए अबकी बार बांध के पुनर्निर्माण में मजबूती एवं कटाव का ध्यान रखते हुए बांध का पुनः निर्माण किया है। जिसका विगत 5 दिनों से युद्ध स्तर पर काम चलाया जा रहा है। गोकुलपुरा एवं नालावास के ग्रामीणों ने दिन-रात एक करके पुनः आपसी सहयोग से 50 डंपर मोरम डालकर, 3 जेसीबी, 2 एलएनटी, 1 लोडर, 15 ट्रैक्टर चाठी, 4 डंपर एवं ग्रामीणों के सहयोग एवं श्रम से 5 दिनों से लगातार मेहनत करके पुनः कच्चे बांध का पुनर्निर्माण किया गया है। ग्रामीणों द्वारा 300 मीटर लंबाई 70 फिट चौड़ाई की पाल का निर्माण करके 15 फीट भराव क्षमता के कच्चे बांध का निर्माण किया गया है।

ग्रामीणों ने बांध निर्माण को लेकर बताया कि बांध के निर्माण से क्षेत्र में भूजल स्तर में बढ़ोतरी होगी एवं पेयजल एवं कृषि के सिंचाई हेतु लगभग आसपास के 20 गांवों के ग्रामीणों को इस बांध निर्माण से लाभ होगा। ग्रामीणों ने पहले बनाये बांध में कटाव लगने के बाद अब बांध के भर जाने के बाद वेस्ट पानी निकालने के लिए ग्रामीणों ने पाइप लगाकर वेस्ट पानी निकालने का इंतजाम किया है ताकि बांध को किसी भी तरह का नुकसान ना हो। बांध को लेकर ग्रामीणों में एवं युवाओं में भारी उत्साह दिखाई दिया। युवाओं ने बांध निर्माण में दिन-रात एक करके मेहनत से श्रमदान किया। ग्रामीणों ने बताया कि बांध पर निरंतर मिट्टी डालने का काम जारी है जिससे भराव क्षमता बढ़ाई जा रही है।

उल्लेखनीय की पूर्व में इस बांध की ऊंचाई 12 फीट की परंतु अब 15 फिट कर दी गई है। अभी बांध का निर्माण कार्य लगातार जारी है तथा दो-तीन दिन में इसका कार्य पूर्ण होने की संभावना जताई है। बांध पर नालावास एवं गोकुलपुरा ग्रामों के करीब 300 युवा एवं बुजुर्ग दिन रात जूटे रहकर निर्माण कार्य पूरा करने में लगे हैं। रोशन गोकुलपुरा ने बताया कि बांध के निर्माण में काफी संख्या में युवा एवं बुजुर्ग निस्वार्थ भाव से श्रमदान एवं सहयोग करने में जुटे हुए हैं।

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