Congress के वित्तीय सलाहकार बसवराज रायारेड्डी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने की इच्छा की प्रकट
रायारेड्डी के बयानों ने सिद्दारमैया के भविष्य के बारे में अटकलों को हवा दे दी है, जो कर्नाटक कांग्रेस के भीतर बढ़ते असंतोष को दर्शाता है।
कोप्पल। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले में मुकदमा चलाने को लेकर उच्च न्यायालय के आदेश से पहले उनके पद छोडऩे की अफवाहों के बीच, वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं वित्तीय सलाहकार बसवराज रायारेड्डी ने सार्वजनिक रूप से राज्य का शीर्ष पद संभालने की इच्छा व्यक्त कर दी है, जिससे कर्नाटक कांग्रेस के भीतर गहमागहमी शुरू हो गयी है।
रायारेड्डी ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान स्वयं के राज्य का नेतृत्व करने की संभावना को लेकर प्रतिप्रश्न प्रश्न किया, जिसके बाद से ये कयास लगाये जा रहे हैं कि उनकी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। उन्होंने मुख्यमंत्री की भूमिका के लिए कांग्रेस नेताओं की बढ़ती दावेदारी के बारे में सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कोई भी कर्नाटक का मुख्यमंत्री बन सकता है। मैं क्यों नहीं बन सकता?
उन्होंने अपनी योग्यता पर जोर देते हुए, अपनी कई बार की चुनावी जीत और लिंगायत विधायकों के बीच वरिष्ठता पर प्रकाश डाला और कहा कि मैं सबसे वरिष्ठ लिंगायत विधायकों में से एक हूं और आठ बार निर्वाचित हो चुका हूं। मैंने हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में सबसे अधिक बार जीत हासिल की है। यदि पार्टी समुदाय या वरिष्ठता के आधार पर चयन करने का निर्णय लेती है, तो मैं एक मजबूत उम्मीदवार हूं।
कांग्रेस नेता ने पार्टी के अन्य नेताओं का भी बचाव किया, जिनमें वरिष्ठ नेता आरवी देशपांडे, पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जरकीहोली और मंत्री एमबी पाटिल शामिल हैं, जिन्होंने अपनी-अपनी आकांक्षाओं का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि यदि सिद्दारमैया पद छोड़ते हैं, तो इन नेताओं के बारे में विचार करना गलत नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री की सीट के लिए दौड़ खुली है।
रायारेड्डी के बयानों ने सिद्दारमैया के भविष्य के बारे में अटकलों को हवा दे दी है, जो कर्नाटक कांग्रेस के भीतर बढ़ते असंतोष को दर्शाता है। राज्य के शीर्ष पद पर कई वरिष्ठ नेताओं की नजर होने के कारण पार्टी में आंतरिक सत्ता संघर्ष बढऩे की आशंका है, जो मौजूदा राजनीतिक परिद्श्य को नया रूप दे सकता है।
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