मेयर मुनेश गुर्जर की याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह बाद
एसीबी ने गत वर्ष 6 अगस्त को एफआईआर दर्ज कर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर सहित दो अन्य को नगर निगम से पट्टे जारी कराने की एवज में रिश्वत मांगने से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने रिश्वत लेकर पट्टे जारी करने से जुड़े मामले में हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर की याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी है। जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश मुनेश गुर्जर की याचिका पर दिए। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता मुनेश गुर्जर की ओर से अधिवक्ता दीपक चौहान ने अदालत को कहा कि प्रकरण में आरोप पत्र पेश हो चुका है। ऐसे में उसे रिकॉर्ड पर लिया जाना जरूरी है। इसलिए प्रकरण की सुनवाई टाली जाए। इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद करना तय किया है।
याचिका में कहा गया है कि इस मामले में एसीबी याचिकाकर्ता से कोई भी डिमांड साबित करने में विफल रही है। एसीबी ने यह नहीं बताया है कि याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता से कैसे डिमांड की और एसीबी ने उसका सत्यापन कैसे किया। इसके अलावा याचिकाकर्ता से कोई भी रिकवरी नहीं हुई है। वहीं मामले में दर्ज एफआईआर में याचिकाकर्ता की भूमिका होने के संबंध में कोई भी सबूत नहीं है। ऐसे में एसीबी की एफआईआर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जरूरी शर्तों डिमांड व रिकवरी को ही सत्यापित नहीं करती है। इस संबंध में पूर्व में उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं पाए थे, यदि साक्ष्य होते तो उसके खिलाफ उसी समय कार्रवाई हो जाती। याचिकाकर्ता को इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है और एफआईआर दुर्भावना के चलते दर्ज करवाई है। इसलिए एफआईआर को रद्द किया जाए।
गौरतलब है कि एसीबी ने गत वर्ष 6 अगस्त को एफआईआर दर्ज कर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर सहित दो अन्य को नगर निगम से पट्टे जारी कराने की एवज में रिश्वत मांगने से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने मुनेश को निलंबित कर दिया था। इस निलंबन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। वहीं बाद में सरकार ने निलंबन आदेश वापस ले लिया था। राज्य सरकार ने जांच के बाद मुनेश को पुन: निलंबित किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने दिसंबर, 2023 में निलंबन को रद्द कर दिया था। वहीं गत दिनों एसीबी ने अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद मुनेश और उसके पति सुशील सहित दो अन्य के खिलाफ एसीबी कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया है।
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