शिक्षक सम्मेलन: राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका: राज्यपाल बागडे़

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का विश्वविद्यालय का शिक्षक सम्मेलन हुआ

 शिक्षक सम्मेलन: राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका: राज्यपाल बागडे़

शिक्षकों को बालक में सर्वप्रथम राष्ट्रीय भाव जागृत करना चाहिए।

अजमेर। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का विश्वविद्यालय शिक्षक सम्मेलन महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के स्वराज सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े़ थे। विशिष्ट अतिथि महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी सिंघल तथा प्रदेश अध्यक्ष दीपक शर्मा थे। अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार शुक्ला ने की।

कार्यक्रम में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि किसी भी बालक के प्रथम शिक्षक उसके माता-पिता होते हैं। वहीं से वह सीखना शुरू करता है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कई वीडियो में देखा है कि अन्य देशों के बच्चे बहुत कम उम्र में ही सीखना शुरू कर देते हैं। हमारे यहां भी यह शुरू होना चाहिए। शिक्षकों को बालक में सर्वप्रथम राष्ट्रीय भाव जागृत करना चाहिए। उन्होंने रशिया के एक विश्वविद्यालय का उदाहरण देते हुए कहा वहां बाहर लिखा हुआ था, किसी भी राष्ट्र को बर्बाद करने के लिए बम की जरूरत नहीं है। उस राष्ट्र की शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर दो, वह राष्ट्र अपने आप बर्बाद हो जाएगा। इसलिए राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नई शिक्षा नीति में इसी का समावेश किया गया है।

भाषण के अतिरिक्त महामंत्री सुशील कुमार बिस्सु ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों की समस्याओं को बताते हुए राज्यपाल से इनके समाधान की मांग की। सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम, महासंघ के प्रदेश संगठन मंत्री सहित राजस्थान विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के लगभग 12 विश्वविद्यालय के कुलपति भी शामिल हुए। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के बाद राज्यपाल जयपुर के लिए रवाना हो गए। सम्मेलन के द्वितीय सत्र में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालय से आए कुलपतियों सहित महासंघ के पदाधिकारी ने संबोधित किया।

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