रोजाना 50 हजार नारियल पानी पी रहे कोटावासी
थोक और खुदरा कीमतों में आया उछाल
मौसमी बीमारियों का प्रकोप होने से बढ़ी खपत।
कोटा। डेंगू सहित अन्य मौसमी बीमारियों का प्रकोप फैलने से कोटा में नारियल पानी की खपत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वर्तमान में कोटा की थोक फलसब्जी मंडी में प्रतिदिन 50 हजार नारियल पानी पीस की बिक्री होने लगी है। मांग बढ़ने के कारण नारियल पानी के भावों में काफी उछाल आ गया है। थोक मंडी में नारियल पानी की थोक रेट 56 रुपए प्रति पीस चल रही है वहीं खुदरा में इसकी कीमत 70 रुपए प्रति पीस हो गई है। डेंगू के रोगियों के लिए नारियल पानी काफी लाभदायक माना जाता है। इस समय कोटा में डेंगू का कहर बढ़ता ही जा रहा है। इस कारण नारियल पानी की मांग में तेजी बनी हुई है।
ऐसे करें पता नारियल में कितना पानी
रंग से पहचानें: जिस नारियल का रंग भूरा होता है उसमें पानी की मात्रा कम होती है। वहीं जो नारियल हरा और ताजा नजर आता है उसमें उतना ही ज्यादा पानी पाया जाता है। इसलिए नारियल खरीदते वक्त इस बात का ख्याल जरूर रखें क्योंकि जैसे-जैसे यह पकने लगता है तो इसमें पानी की मात्रा कम होती जाती है।
मीडियम साइज का चुनें: अगर आप सोचते हैं कि नारियल जितना बढ़ा होगा उसमें पानी भी उतना ही ज्यादा होगा तो बता दें कि ऐसा नहीं है। असल में बड़ा नारियल पानी से नहीं बल्कि मलाई से भरा होता है। ऐसे में अगर मलाई की तुलना में पानी ज्यादा चाहिए तो हमेशा मीडियम साइज का नारियल ही चुने।
आवाज बताएगी पानी की मात्रा: कम ही लोग जानते हैं कि पानी से भरे नारियल को हिलाने से कोई आवाज नहीं आती है, जबकि जिस नारियल में पानी कम होता है उसमें पानी की यह आवाज ज्यादा आती है। साथ ही फ्रेश नारियल की पहचान का भी तरीका है क्योकि धीरे-धीरे इसका पानी सूखने लगता है।
फैक्ट फाइल
- थोक मंडी में रोजाना की खपत 50000
- मंडी में दो माह पहले थी खपत 30000
- एक ट्रक में इतना आता है माल 18000
- नारियल का थोक भाव रुपए प्रति किलो में 56
- नारियल का खुदरा भाव रुपए प्रति किलो में 70
कर्नाटक और गुजरात से आ रहा माल
नारियल के व्यापारी गौरव भारद्वाज, मनीष नांबियार व तरूण जैन ने बताया कि इस समय कर्नाटक और गुजरात से नारियाल आ रहे हैं। नारियल पानी का सीजन मार्च से नवंबर तक रहता है। पूर्व में प्रतिदिन 30 हजार पीस नारियल पानी की खपत हो रही थी। अब मौसमी बीमारियों के दौर में नारियल पानी की खपत ज्यादा हो गई है। इस समय थोक मंडी में नारियल पानी की खपत रोजाना 50 हजार पीस पर पहुंच गई है। इन दिनों कर्नाटक और गुजरात से तीन ट्रकों में माल आ रहा है। एक ट्रक में 18 से 20 हजार नारियल पानी आता है। एक कट्टे में 25 पीस आते हैं। फुटकर दुकानदार यहां से माल खरीदकर खुदरा भाव से शहर के बाजारों में नारियल पानी की बिक्री करते हैं।
जगह-जगह हो रही बिक्री
कभी आस्था के विषय तक सीमित रहा नारियल अब स्वास्थ्य का कारक भी बन गया है। एनर्जी व एंटीआॅक्सीडेंट से भरपूर नारियल पानी का व्यापार जिले में दिनोंदिन बढ़ रहा है। आलम ये है कि शहर के मुख्य बाजार, सार्वजनिक स्थानों, मंदिरों व गलियों तक में इनकी बिक्री होने लगी है। नारियल पानी की बिक्री यूं तो जिले में करीब एक दशक से हो रही है, लेकिन कोरोना काल के बाद इसके व्यापार में उछाल आया है। स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरुकता की वजह से सुबह की सैर करने वालों से लेकर जिम में एक्सरसाइज व योगा करने वाले लोगों तक की पहली पसंद यही ड्रिंक बन गया है। कोटा में पानी व मलाई के दो तरह के नारियल आते हैं। जिसमें ज्यादा मांग पानी वाले नारियल की है।
कोटा में रोजाना 50 हजार पीस नारियल पानी की खपत हो रही है। आमतौर पर खुदरा में 50 रुपए में बिकने वाला नारियल पानी इन दिनों 70 रुपए में बिक रहा है। वहीं मंडी में इसकी थोक रेट 56 रुपए बनी हुई है। मौसमी बीमारियों के प्रकोप के कारण पूरे देश में नारियल पानी की खपत बढ़ी है। इस कारण भाव में तेजी हो रही है। आगामी दिनों में नारियल पानी के दाम में और तेजी आ सकती है।
- गौरव भारद्वाज, नारियल पानी के थोक व्यापारी
नारियल में मैंगनीज, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन होता है, जो हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है। इसका दूध व तेल त्वचा को निखारता हैं। आयरन और सेलेनियम लाल रक्त कोशिकाओं के लिए महत्वपूर्ण एंटीआॅक्सीडेंट है। नारियल से कोलेस्ट्रॉल स्तर सुधरता है। इसका विटामिन-सी, मैग्नीशियम और पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।
- डॉ. अजय कुमार, अस्थि रोग विशेषज्ञ
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