एसीबी की कार्रवाई के बाद कोटा संभागीय आयुक्त एपीओ

आय से अधिक संपत्त्ति के मामले में एसीबी ने संभागीय आयुक्त राजेन्द्र विजय के ठिकानों पर दी दबिश

एसीबी की कार्रवाई के बाद कोटा संभागीय आयुक्त एपीओ

राज्य सरकार ने एक सप्ताह पहले ही उन्हें कोटा संभागीय आयुक्त पद पर लगाया था।

कोटा। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कोटा इंटेलीजेंस टीम ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में कोटा के संभागीय आयुक्त राजेंद्र विजय के जयपुर, दौसा तथा कोटा आवास पर अचानक बुधवार सुबह दबिश दी। दबिश में बड़ी मात्रा में बेनामी संपत्ति मिलने की  सूचना है। सर्च कार्रवाई अभी जारी है।  राज्य सरकार ने एक सप्ताह पहले ही उन्हें कोटा संभागीय आयुक्त पद पर लगाया था। एसीबी मुख्यालय जयपुर से निर्देश पर सर्वप्रथम उनके  दौसा जिले के दुग्गी ग्राम स्थित पैतृक निवास, जयपुर स्थित तारों की कूट स्थित निवास और कोटा में भी सर्च किया है। एसीबी की कार्रवाई के तुरन्त बाद राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर उन्हें एपीओ कर दिया है। विजय के स्थान पर संभागीय आयुक्त का अतिरिक्त कार्य कोटा कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी को सौंप दिया गया है।

एसीबी एएसपी मुकुल शर्मा ने बताया कि सीनियर आईएएस अधिकारी राजेन्द्र विजय ने संभागीय आयुक्त का सात दिन पहले ही पद संभाला था और उन्हें सिविल लाइन में सरकारी आवास मिल गया था, लेकिन उसमे शिफ्ट नहीं हुए थे। वह सर्किट हाउस में ठहरे हैं। उन्होंने बताया कि सुबह छह बजे एक साथ जयपुर मुख्यालय के निर्देश पर उनके सभी ठिकानों पर छापा मारा गया, इस दौरान वह किसी कार्यक्रम में भाग लेने की तैयारी कर रहे थे और कोटा सर्किट हाउस में ही थे।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यालय के अनुसार उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिकायत मिली थी।  इस मामले में न्यायालय के जरिए सर्च वारंट लिया गया था। इसके आधार पर आज जांच शुरू की गई है। इसके लिए पहले ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने पूरा फीडबैक ले लिया था।  इसके बाद सुबह 6 बजे कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।  मामले की मॉनिटरिंग खुद एसीबी के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा कर रहे हैं। सभी टीमों को एक दिन पहले ही ब्रीफ कर दिया गया था और सुबह होते ही छापेमारी की कार्रवाई की गई है। मामले में अभी कार्रवाई जारी है। 

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