मादा शावक रिवाइल्डिंग की तैयारियां जारी
दरा अभयारणय में शुरू हुआ एक्क्लोजर का निर्माण कार्य
अभेड़ा बायोलॉजिक पार्क में रह रहे शावकों में से मादा शावक को शिफ्ट कर रिवाइल्डिंग की जाएगी।
कोटा। अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में पल रही बाघिन टी-114 की मादा शावक की रिवाइल्डिंग अब प्रदेश के तीसरे पोर्टेबल एनक्लोजर में होगी। 60 लाख रुपए की लागत से मुकुंदरा के दरा अभयारणय में पोर्टेबल एनक्लोजर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यहां नींव खोदना, साफ-सफाई तथा स्ट्रेक्चर तैयार किए जाने सहित अन्य कार्य तेजी से चल रहे हैं। एनक्लोजर बनने के बाद अभेड़ा से मादा शावक को यहां शिफ्ट किया जाएगा। हालांकि, एनक्लोजर का निर्माण कार्य अगस्त माह में होना था लेकिन बारिश के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाया था। यह एनक्लोजर दरा अभयारणय में 5 हैक्टेयर में बनाया जाएगा। बता दे, मुकुंदरा में बनने वाला पोर्टेबल एनक्लोजर प्रदेश का तीसरा एनक्लोजर होगा। इससे पहले अलवर के सरिस्का और बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बनाया गया है।
5 हैक्टेयर में बन रहा पोर्टेबल एनक्लोजर
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के उप वन संरक्षक मुथू एस ने बताया कि दरा अभयारणय में 38 हैक्टेयर का एनक्लोजर है। जिसमें 5 हैक्टेयर का अलग से पोर्टेबल एनक्लोजर बनाया जा रहा है। इसके लिए पूर्व में ही टैंडर प्रक्रिया कर दी गई थी। बारिश के कारण कार्य में देरी हुई। अब इससे बनने के बाद अभेड़ा बायोलॉजिक पार्क में रह रहे शावकों में से मादा शावक को शिफ्ट कर रिवाइल्डिंग की जाएगी।
नया एनक्लोजर बनाने की नहीं पड़ेगी जरूरत
पोर्टेबल एनक्लोजर के कई फायदे हैं। रिवाइल्डिंग के बाद जब मादा शावक को हार्ड रिलीज कर दिया जाएगा तो इस एनक्लोजर को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट कर भविष्य में आने वाले अन्य टाइगर को रखने के काम आ सकेगा। साथ ही सरकार को नया एनक्लोजर बनाने के लिए अतिरिक्त पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। वहीं, दूसरी रेंजों में आवश्यकतानुसार पोर्टेबल एनक्लोजर को शिफ्ट करने में आसानी होगी।
मादा शावक की होगी रिवाइल्डिंग
दरा सेंचुरी में 5 हैक्टेयर में बनने वाले पोर्टेबल एनक्लोजर में मादा शावक की रिवाइल्डिंग की जाएगी। जिसमें एक्सपर्ट्स की मदद भी ली जाएगी। शावक को लाइव शिकार दिए जाएंगे। शिकारी को शिकार के पीछे दौड़ने, घात लगाने, एक-दो किमी मूवमेंट करने के लिए पर्याप्त जगह मिल सकेगी। जिससे वह शिकार की कला और बारीकी सीख पाएगी। वर्तमान में शावकों को बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर के नाइट शेल्टर में रखा जा रहा है। जहां जगह की तंगी होने के कारण रिवाइल्डिंग के उद्देश्य पूर्ण नहीं हो रहे।
नर शावक होगा रामगढ़ शिफ्ट
बायोलॉजिकल पार्क से नर शावक को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जाएगा। उसे जैतपुर रेंज में 5 हैक्टेयर के पोर्टेबल एनक्लोजर में रखा रखा जाएगा। गत 5 मई को मुकुंदरा के दौरे पर आए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन पीके उपाध्याय द्वारा शावकों की शिफ्टिंग को लेकर निर्णय किया गया था। जिसके तहत मेल शावक को रामगढ़ व फीमेल शावक को मुकुंदरा के दरा में शिफ्ट किए जाने का निर्णय हुआ था।
नवज्योति ने लगातार उठाया था मुद्दा
शावकों को टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किए जाने का मामला नवज्योति लगातार उठाती रही है। बायोलॉजिकल पार्क में जगह की तंगी की वजह से रिवाइल्डिंग अपने उद्देश्य से भटक रही है। नवज्योति ने वन्यजीव प्रेमियों व वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स के माध्यम से शिफ्टिंग में अनावश्यक देरी से शावकों पर पड़ने वाले असर से वन अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया था। नवज्योति में लगातार खबरें प्रकाशित होने पर सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू ने कोटा प्रवास के दौरान शिफ्टिंग को लेकर निर्णय किया था।
मुकुंदरा की दरा रेंज में 5 हैक्टेयर में पोर्टेबल एनक्लोजर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। पहले बारिश के कारण काम रुक गया था। जल्द ही यह एनक्लोजर बनकर तैयार हो जाएगा।
-मूथू एस, उप वन संरक्षक, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व
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