लोहे के खंभे बने यमदूत, दहशत का माहौल

इन्द्रगढ शहर के बाजार व बस्तियों में खंभों में दौड़ रहा करंट

लोहे के खंभे बने यमदूत, दहशत का माहौल

बारिश के मौसम में तो हालात और ज्यादा खराब हो जाते है तथा उस समय तो मोहल्ले के लोगो में दहशत का माहौल बना रहता है।

इन्द्रगढ़। इन्द्रगढ शहर के मुख्य बाजार व पुरानी कई बस्तियों में लगे बिजली के खंभों में कभी भी करंट दौड़ जाता है, जिससे कई मवेशियों की मौत हो चुकी है परंतु विभाग द्वारा बिजली के खंभो में वक्त बेवक्त करंट दौड़ने के मामले में खंभों को लेकर किसी प्रकार का कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया जा रहा है। इन्द्रगढ शहर में अधिकतर जगह काफी पुराने समय से ही लोहे के बिजली के खंभे लगे हुए है। खंभों को लगे काफी ज्यादा समय हो जाने से कई खंभे गल चुके है व जीर्ण शीर्ण भी हो चुके है तथा अधिकतर खंभो में नीचे की और लगाया गया सीमेंट का कवच भी टूट चुका है। खंभे लोहे के होने के कारण इनमें विद्युत धारा त्वरित गति से प्रवाहित होती है और प्रवाहित करंट को रोकने के लिए खंभे के नीचे किसी प्रकार का आधार नही होने के कारण खंभे का करंट सीधा नालियों में भरे पानी में या मकानों की दीवारों में आ जाता है जिससे कई मवेशी करंट की चपेट में आने से काल कवलित हो चुके है तथा कई मकानों की दीवारों में करंट उतर आने से मकान में रहने वाले लोगों को बिजली के झटके भी लग चुके है। स्थानीय निवासियों द्वारा जब इस समस्या के समाधान के लिए बिजली विभाग के आला अधिकारीयों को अवगत करवाया जाता है तो थोडी देर बिजली बंद करवाकर करंट की समस्या का अस्थाई समाधान कर दिया जाता है। फिर कुछ दिनों बाद ही बंदरों की उछल कूद से या आंधी तूफान आने से वापस वही समस्या पैदा हो जाती है जिसे बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा अस्थाई रूप से ठीक कर दिया जाता है। परंतु इस समस्या का स्थाई समाधान आज तक भी नहीं हो पाया है।

क्षैत्र के लोगों का कहना है कि विभाग द्वारा लगाए गए बिजली के खंभे काफी समय पहले लगाए गए थे, उस समय सीमेंट के खंभे नही होते थे इस कारण लोहे के खंभे लगाए गए थे तथा उस समय जहां खंभे लगाए गए थे वहा सघन बस्ती या आबादी क्षैत्र नही था जिस कारण किसी प्रकार की परेशानी नही होती थी तथा उस समय लगाए गए लोहे के खंभों के नीचे के हिस्से में सीमेंट का कवच बनाया जाता था तथा उस पर लोहे के कांटों की बाढ लगाई जाती थी जिससे किसी दुर्घटना से बचा जा सके। अब धीरे धीरे बस्तियों का विकास हुआ है तथा मकानों में लोग रहने लगे है तो लोहे के खंभे उनके लिए घातक सिद्ध हो रहे है। वहीं अब एक भी खंभे पर लोहे के कांटे नही है तथा कई खंभे तो जीर्ण शीर्ण अवस्था में है तथा उनका सीमेंट का कवच भी टूट चुका है ऐसे खंभे कभी भी तेज हवा के साथ गिर भी सकते है तथा किसी बडी दुर्घटना का कारण बन सकते है। विभाग द्वारा कुछ जगह लोहे के खंभो की जगह सीमेंट के खंभे लगाए भी गए है परंतु वहां पूर्व में लगे लोहे के खंभो को नही हटाया है तथा उनके पास ही सीमेंट के खंभे लगाकर उन पर कनेक्शन कर दिए गए है। वो जीर्ण शीर्ण खंभे नीचे से गल चुके है तथा उनका टूटकर गिरने का अंदेशा किसी बडे हादसे को न्यौता दे रहा है। वार्ड नम्बर 12 में हनुमान प्रसाद तिवारी के मकान के पास सघन बस्ती में लगे लोहे के खंभे में कई बार करंट उतर चुका है तथा पास में बनी नाली के पानी में करंट आने के कारण कई अन्य मवेशी अपनी जान गंवा चुके है। शनिवार को भी खंभे में आ रहे करंट के कारण नाली के पानी में करंट आने से एक सुअर की मौत हो गई है। विभाग को सूचना करने पर विभाग द्वारा तार को सही कर अस्थाई समाधान कर दिया गया। जबकि मोहल्ले के लोगो का कहना है कि मोहल्ले में लगे तीन चार लोहे के खंभो को तुरंत प्रभाव से बदलाया जाना चाहिए तथा इनकी जगह सीमेंट के खंभे लगाने चाहिए। इन खंभो में आए दिन बंदरों की उछल कुद व तेज हवा के कारण करंट दौडने लगता है जिससे मोहल्ले में रहने वाले लोगो व आने जाने वाले लोगो के लिए जान माल का खतरा बना रहता है। साथ ही गली मोहल्ले में खेलने वाले छोटे छोटे बच्चों के साथ भी इस अदृश्य मौत का भय निरंतर बना रहता है। कई बार तो खंभे में करंट आने से हनुमान प्रसाद तिवारी के मकान में लगे नलों के पानी में भी करंट आ जाता है जिसके झटके वो खुद व उनके परिवार के लोग कई बार खा चुके है। इसी प्रकार वार्ड नं0 12 के ही निवासी श्रीनाथ शर्मा का कहना है कि उनके मकान के दरवाजे के बिल्कुल पास ही काफी पुराना लोहे का खंभा लगा है, जिस पर कई बार करंट के झटके हमारे परिवार के सदस्यों को लग चुके है तथा घर के दरवाजे पर लगी लोहे की फाटक में तो आए दिन करंट आता रहता है। मुख्य बाजार अहिंसा मार्ग पर जाने वाले मोड पर लगा खंभा नीचे से पूरा गल चुका है तथा उसमें खंभे को रोकने के लिए कोई सपोर्ट भी नही है। बारिश के मौसम में तो हालात और ज्यादा खराब हो जाते है तथा उस समय तो मोहल्ले के लोगो में दहशत का माहौल बना रहता है। पुरानी कोतवाली मे रहने वाले आरिफ का कहना है कि खंभा मेरे मकान के अंदर ही आ रहा है तथा खंभे के पास बनी छत पर ही हम दिन रात काम करते रहते है। बारिश के मौसम में खंभे में कई बार बहुत भंयंकर तरीके से स्पार्किंग होती है जिसके अंगारे छत पर ही गिरते है तो हमेशा हमारी घर परिवार की जान जोखिम में रहती है।

वार्ड नं0 12 खंभे में करंट की जानकारी प्राप्त हुई है, वहां समस्या का समाधान कर दिया गया है। सीमेंट के खंभों की लबाई कम होने के कारण उन्हे लोहे के खंभों के स्थान पर नही लगाया जा सकता है परंतु कल ही कर्मचारियों को भेजकर इस समस्या को दिखवाया जाएगा तथा बहुत जल्द इस समस्या का स्थाई समाधान किया जाएगा।
- शेलेन्द्र कुमार गुप्ता सहायक अभियंता जेवीवीएनएल इन्द्रगढ़

हमारे घर के पास लोहे का खंभा लगा है जिसमें कभी भी करंट दौड जाता है तथा आए दिन मवेशियों की मौत होती है तथा घर की दीवारों व नल के पानी में भी करंट आता है। खंभे के कारण छत के पास भी तारों का जंजाल बना हुआ है जिस कारण छत पर जाने में भी डर लगा रहता है। विभाग को इस पर जल्द ही ध्यान देना चाहिए।
- हनुमान प्रसाद तिवारी निवासी वार्ड नं0 12 इन्द्रगढ़

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पुराने थाने के चैक में लगे लोहे के खंभे के नीचे का सीमेंट का कवच टूट गया है तथा खंभा भी थोडा झुक गया है जो कभी तेज आंधी में गिर भी सकता है। सामने चौक में सुबह से लेकर शाम तक बच्चें खेलते रहते है तो बच्चों के साथ भी किसी हादसे का भय निरंतर बना रहता है। विभाग द्वारा इस तरह के जीर्ण शीर्ण हो चुके खंभो को तुरंत प्रभाव से बदलवाना चाहिए।
- गोपाल लाल गौड निवासी वार्ड नं0 12 इन्द्रगढ।

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पुराने समय में लगा खंभा अब पूरी तरह से मेरे मकान की छत पर आ गया है जिस कारण बहुत परेशानी होती है। बारिश के समय छत पर निकलना ही बंद कर देते है। छोटे छोटे बच्चें छत पर खेलते रहते है तो उनके साथ भी अनहोनी की आशंका बनी रहती है। जल्दी ही इसका कोई स्थाई समाधान जरूर होना चाहिए।
- आरिफ हुसैन निवासी पुरानी कोतवाली इन्द्रगढ।

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इन्द्रगढ में इस तरह के पुराने लोहे के खंभे अधिकतर जगह लगे हुए है। जो कई प्रकार से जीर्ण शीर्ण हो चुके है विभाग द्वारा जल्द ही इनके बारे में कुछ निर्णय करना बहुत जरूरी है। अब तो भूमिगत लाइने भी डाली जा सकती है।
-अशोक शर्मा (लाला) निवासी इन्द्रगढ।

मेरे घर के दरवाजे के सामने ही लोहे का खंभा है दिनभर में कई बार घर के बाहर आना जाना पडता है तो हमेशा करंट का भय बना रहता है। घर के दरवाजे पर लगी लोहे की फाटक में तो आए दिन ही झटके लगते है। घर में छोटे छोटे बच्चें भी है तो हादसे की आशका बनी रहती है।
- श्रीनाथ शर्मा निवासी वार्ड नं0 12 इन्द्रगढ़

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