आम निवेशकों का सेबी से कम हुआ विश्वास, अडानी जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के लिए काम कर रहे नियामक तंत्र : राहुल
खुदरा निवेशकों को कुचला जा रहा है
पार्टी के संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा के साथ गहन विचार-विमर्श किया है, जिसमें यह तथ्य सामने आया है कि बुच के नेतृत्व में आम निवेशकों का सेबी पर विश्वास कम हो गया है।
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की विश्वसनीयता को इसकी प्रमुख माधवी बुच के कारण धक्का लग रहा है और इसकी वास्तविकता की पड़ताल को लेकर वह विभिन्न क्षेत्र के प्रमुख लोगों से समय-समय पर बात करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस एपीसोड में उन्होंने पार्टी के संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा के साथ गहन विचार-विमर्श किया है, जिसमें यह तथ्य सामने आया है कि बुच के नेतृत्व में आम निवेशकों का सेबी पर विश्वास कम हो गया है।
गांधी ने कहा कि बुच स्टॉप्स हियर के इस एपिसोड में मैंने पवन खेड़ा के साथ बैठकर चर्चा की है कि किस तरह एकाधिकार को बढ़ावा देने वाली प्रणाली द्वारा खुदरा निवेशकों को कुचला जा रहा है। यह बातचीत माधबी बुच के नेतृत्व में सेबी की विफलता पर प्रकाश डालती है, जहां आम निवेशक की सुरक्षा के लिए बने नियामक तंत्र अब अडानी जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों की सुरक्षा कर रहे हैं। यह केवल वित्तीय कुप्रबंधन के बारे में ही नहीं है, बल्कि इसमें यह भी विमर्श हुआ कि कैसे छोटे निवेशक, उद्यमी और ईमानदार व्यवसाय उस प्रणाली में विश्वास खो रहे हैं, जो निष्पक्षता सुनिश्चित करती है।
उन्होंने कहा कि साथ मिलकर हम साठगांठ वाले पूंजीवाद की वास्तविक कीमत का विश्लेषण करते हैं, खोई हुई बचत के संदर्भ में ही नहीं, बल्कि लाखों मेहनती भारतीयों के लिए विश्वास और अवसर के क्षरण के संदर्भ में भी विचार करते हैं। यदि हमने अभी इस पर ध्यान नहीं दिया, तो हमारी अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र को होने वाली क्षति अपरिवर्तनीय होगी। इस महत्वपूर्ण बातचीत के लिए हमारे साथ जुड़ें, क्योंकि हम सच्चाई को उजागर करेंगे और एक निष्पक्ष तथा अधिक न्यायपूर्ण भारत के लिए लड़ेंगे।
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