कोटा में बच्चों के टूटते सपनों का जिम्मेदार कौन? हर 2 माह में एलन इंस्टीट्यूट का 1 विद्यार्थी कर रहा आत्महत्या, 60 स्टूडेंट्स कर चुके आत्महत्या
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के विद्यार्थी के आत्महत्या करने के मामले सर्वाधिक है
शिक्षा नगरी कोटा में हर दो माह में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के एक विद्यार्थी द्वारा आत्महत्या करना अब अभिभावकों के लिए भय का कारण बनता जा रहा है।
कोटा। शिक्षा नगरी कोटा में हर दो माह में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के एक विद्यार्थी द्वारा आत्महत्या करना अब अभिभावकों के लिए भय का कारण बनता जा रहा है। पुलिस आंकड़ों की मानें तो एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के विद्यार्थी के आत्महत्या करने के मामले सर्वाधिक है। इस संस्थान का हर दो माह में एक विद्यार्थी मौत को गले लगाता है। जो विद्यार्थी अपने और अपने माता- पिता के सपने को पूरा करने के लिए कोटा में डॉक्टर-इंजीनियरिंग प्रवेश की तैयारी करता है। कुछ समय सब कुछ ठीक लगता है और अचानक पता चलता है कि बच्चे ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। ऐसा क्या हो जाता है कि विद्यार्थी को मौत को गले लगाना पड़ा। इसकी तह में जाने की न तो एलन कॅरियर के प्रबंधन ने कोशिश की और न बच्चों के परिजनों ने आत्महत्या के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया, ताकि इस तरह की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। प्रशासन हर बार गाइड लाइन तय करता है, लेकिन एलन कॅरियर की ओर से कभी इसकी पालना नहीं की गई। हाल में एक बैठक में जिला कलक्टर ने साफ शब्दों में कहा था कि कोई भी विद्यार्थी आत्महत्या करता है तो उसकी जिम्मेदारी से कोचिंग संस्थान बच नहीं सकता है। उसे प्रशासन को जवाब देना होगा। इस चेतावनी के बाद भी एलन कोचिंग संस्थान के चार बच्चों ने आत्महत्या कर ली। सबसे उल्लेखनीय है कि आत्महत्या करने के बाद एलन कॅरियर की तरफ से कोई ऐसा कदम नहीं उठाया गया जिससे ऐसा हादसा दोबारा न हो। इसके इतर विद्यार्थी के परिजनों तक से एलन कॅरियर का प्रबंधन नहीं मिलता है।
पुलिस से प्राप्त दस सालों के आंकड़े यह बताते हैं कि इन सालों में देश के 60 कर्णधारों ने आत्महत्या की। इसके पीछे पढ़ाई का दबाव, कक्षा में विद्यार्थियों के बीच गलाकाट प्रतिस्पर्द्धा कराना, क्रीम विद्यार्थी पर अधिक फोकस रखना तथा कमजोर को उनके हाल पर छोड़ देना है। जबकि होना यह चाहिए कि पढ़ाई में कमजोर बच्चों के प्रति कोचिंग संस्थान को ज्यादा ध्यान देना चाहिए। उनमें धीरे-धीरे पैदा हो रही हीन भावना और अवसाद की प्रवृत्ति को रोकने के लिए समय-समय पर काउंसलिंग करनी चाहिए। हालांकि एलन कॅरियर प्रशासन द्वारा आयोजित बैठक में यह दावा करता रहा है कि उसके द्वारा काउंसलिंग कराई जाती है। जबकि विद्यार्थियों की माने तो एलन कॅरियर में ऐसा कुछ नहीं होता। फैकल्टी भी तेज-तर्रार बच्चों पर फोकस रखते है जिससे कमजोर बच्चे पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं और दबाव में आ कर आत्महत्या जैसे कदम उठाते हैं। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में शिक्षा से ज्यादा पूंजीवादी संस्कृति का जोर है। मुनाफा ही कोचिंग संचालकों का पहला उद्देश्य है। इसी कारण कोटा का कोचिंग कारोबार 3-4 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
इन कारणों से आत्महत्या जैसा कदम उठाते बच्चे
- कोचिंग संस्थान पैसा कमाने के चक्कर में बच्चे की क्षमता को जांचे बिना देते हैं प्रवेश।
- परिवार से दूर रहना।
- पढ़ाई का बोझ।
- कोंचिग संस्थान में हर माह होने वाले टेस्ट में पिछड़ना।
- 24 घंटे पढ़ाई के बारे में सोचते रहना।
- खेलकूद व मनोरंजन गतिविधियों से लंबे समय तक दूर रहना।
- कोंचिग इंस्टीट्यूट द्वारा समय-समय पर काउंसलिंग नहीं करना।
- बच्चों की मानसिकता का अध्ययन नहीं करना।
एलन के पिछले दस साल में आत्महत्या करने वाले छात्र | |
वर्ष | आत्महत्या करने वाले विद्यार्थी |
2013 | 08 |
2014 | 07 |
2015 | 11 |
2016 | 06 |
2017 | 06 |
2018 | 04 |
2019 | 06 |
2020 | 04 Read More जघन्य अपराधों को फाइलों में किया बंद |
2021 | 04 Read More जघन्य अपराधों को फाइलों में किया बंद |
2022 | 03 |
कमाई के चक्कर में कोचिंग
कोटा में आत्महत्या के हादसों के पीछे सबसे बड़ा कारण कमाई का चक्कर ही है। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट बड़े नमाचीन कोचिंग संस्थान अधिक पैसा कमाने के लिए अंधाधुंध तरीके से बच्चों का प्रवेश लेते हैं। हजारों बच्चे देश के कोने-कोने से सफलता की चाह में यहां पहुंचते हैं। वे बिना स्वयं की क्षमता को समझे पढ़ाई में जुट जाते हैं। जिनके पास पैसा बहुत नहीं होता, उनके माता-पिता अंतिम संपत्ति तक बेचकर कोचिंग की फीस जमा करते हैं। अभिभावक गहने तक बेचकर फीस जमा करते हैं। कई अभिभावक तो कर्ज लेकर कोचिंग की फीस देते हैं। इस बात को कोचिंग संचालक नहीं समझते, उनको तो बस फीस चाहिए। अब बच्चा चाहे जिस स्तर का हो। प्रशासन की ओर से ऐसे हादसों पर अंकुश लगाने में हाल ही में एक बैठक लेकर सभी कोचिंग संस्थानों को बच्चों की लगातार काउंसलिंग करने और कोई बच्चा अत्महत्या करता है तो उसकी जिम्मेदारी कोचिंग संस्थान मानते हुए कार्रवाई की बात भी कहीं गई थी। इस बैठक के बाद भी एलन कॅरियर कोंचिग इंस्टिट्यूट में तीन बच्चे आत्महत्या कर चुके है।
फिर साधा मौन
इस मामले को लेकर संस्थान के एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी व नवीन माहेश्वरी से बात करनी चाही, तो कोई उत्तर नहीं मिला।
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