संभल में मंदिर के बाद अब मिली बावड़ी, खुदाई में मिले चार सुरंगनुमा कमरे
खुदाई का काम जारी
चंदौसी कोतवाली इलाके के मोहल्ला लक्ष्मणगंज में 17 दिसंबर को खंडहरनुमा प्राचीन बांके बिहारी मंदिर मिला था।
संभल। तमाम जगह, मंदिर और कुओं के मिलने का सिलसिला 46 साल बाद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट के खुलने के बाद शुरू हो गया है। जिले के चंदौसी तहसील इलाके में खंडहरनुमा बांके बिहारी मंदिर मिलने के बाद एक खाली प्लॉट में बावड़ी मिली है. खुदाई में अब तक चार सुरंगनुमा कमरे मिले हैं। खुदाई का काम अभी जारी है। चंदौसी कोतवाली इलाके के मोहल्ला लक्ष्मणगंज में 17 दिसंबर को खंडहरनुमा प्राचीन बांके बिहारी मंदिर मिला था।
अधिकारियों की टीम दो जेसीबी के साथ लक्षमणगंज पहुंची और आबादी के बीच खाली पड़े प्लॉट पर बावड़ी की तलाश में खुदाई शुरू करवाई गयी। खुदाई में अब तक चार सुरंगनुमा कमरे मिले हैं, इस के साथ ही और कमरें मिलने का दावा किया जा रहा है।
जरूरत पड़ने पर कराएंगे एएसआई सर्वे : डीएम
डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि यह 400 वर्ग मीटर एरिया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां बिलारी के राजा के नाना के समय की बावड़ी बनी हुई थी। इसके सेकंड फ्लोर ओर थर्ड फ्लोर मार्बल के बने हुए हैं और ऊपर का तल ईंटों का बना हुआ है। इसमें एक कूप भी है और चार कमरे हैं। इसे मिट्टी से चुन दिया गया था। कल जन सुनवाई के दौरान इसकी शिकायत मिली, धीरे धीरे खुदाई करवाई जा रही है. जिस कारण इसके स्ट्रक्चर को कोई नुकसान न पहुंचे। यह लगभग 125 से 150 वर्ष पुराना होगा. डीएम का कहना है कि जरूरत पड़ेगी तो एएसआई को भी पत्र लिखेंगे।
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