नए उद्योग लगाने में जमीन आ रही आड़े

औद्योगिक नगरी कोटा में ही उपलब्ध नहीं रीको के पास जमीन

नए उद्योग लगाने में जमीन आ रही आड़े

राइजिंग राजस्थान में कोटा जिले में हुए 106 एमओयू।

कोटा। औद्योगिक नगरी रहे कोटा शहर में वर्तमान में हालत यह है कि नए उद्योग लगाने के लिए निवेशक आ रहे है लेकिन कोटा  व आस-पास रीको के पास उन्हें देने के लिए जमीन की पर्याप्त उपलब्धता ही नहीं है। नए उद्योग लगाने में जमीन आड़े आ रही है। राज्य सरकार की ओर से रा’य स्तर पर राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट का आयोजन इसी महीने किया गया था। जिसमें करीब 35 लाख करोड़  रुपए के एमओयू हुए हैं। उससे पहले जिला स्तर पर आयोजित समिट के तहत कोटा में 9 अक्टूबर को समिट का आयोजन किया गया था। जिसमें भी 6802.54 करोड़ रुपए के 106 एमओयू हुए थे।  जिनके माध्यम  से करीब 10 हजार से अधिक युवाओं व बेरोजगारों को रोजगार  देने की योजना है। उन एमओयू को विभागवार विभाजित किया गया है। जिसमें प्रमुख विभागों से संबंधित एमओयू को उनके स्तर पर धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी दी गई है।  हालत यह है कि जिन उद्योगों को लगाने के लिए निवेशकों के पास स्वयं की जमीन है उन्हें तो  अधिक समस्या नहीं होगी। लेकिन जो निवेशक बाहर के है और उन्हें बड़ा उद्योग लगाने के लिए अधिक जमीन की आवश्यकता है।  वह जमीन सरकार के स्तर पर उपलब्ध करवा पाना मुश्किल हो रहा है।  जिला उद्योग केन्द्र के स्तर पर 60 उद्योग लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। उद्योग केन्द्र के महापरबंधक के अनुसार 60 में से 40 उद्योग ऐसे हैं जिनके पास खुद की जमीन उपलब्ध है। उन उद्योगों को अगले एक साल में धरातल पर उतारने का प्रयास किया जाएगा। हालांकि उसमें मेडिकल क्षेत्र का एक निजी अस्पताल 12 करोड़ का तलवंडी में शुरु भी हो गया है। 

रीको के पास कोटा शहर में नहीं जमीन
रीको के पास कोटा शहर में नए उद्योग लगाने के लिए जमीन ही नहीं है। कई निवेशक ऐसे हैं जो कोटा शहर व आस-पास के क्षेत्र में अपनी पसंद की जगह पर जमीन लेकर उद्योग लगाने की इच्छा रखते है। उन्होंने आवेदन भी किया है लेकिन उन्हें शहर से दूर जगह मिल रही है। 

इन विभागों से संबंधित हुए एमओयू
जिला उद्योग केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार  राइजिंग राजस्थान के तहत कोटा जिले में कुल 106 एमओयू हुए थे। जिनमें से जिला उद्योग केन्द्र के अधिकार क्षेत्र में 60 एमओयू हैं। जबकि रीको के 31,पर्यटन के 33, माइनिंग के 19, मेडिकल एंड हैल्थ के 11, ऊर्जा के 11, स्कूल शिक्षा के 22, स्किल डवलपमेंट के 5, यूडीएच के 39 प्रोजेक्ट हैं। 

गूंदी फतेहपुर में नया औद्योगिक क्षेत्र
कोटा शहर में रानपुर और शम्भूपुरा  में से किसी एक जगह को नया औद्योगिक क्षेत्र बनाने की योजना है। लेकिन अभी तक  रा’य सरकार व जिला प्रशासन उस बारे में निर्णय नहींकर सका है। हालांकि रानपुर में उद्योग होने से इसके नया औद्योगिक क्षेत्र बनने की संभावना अधिक है। जबकि शम्भूपृुरा  में अभी विकास होने में समय अधिक लगेगा। हालांकि यहां ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट प्रस्तावित होने व इसका काम अगले साल मई में शुरु होने की संभावना को देखते हुए यहां आस-पास के क्षेत्र के भी शीघ्र विकसित होने का अनुमान है।  वहीं कोटा शहर के पास मंडाना  में प्राइवेट क्षेत्र का नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।  जबकि कोटा जिले के रामगंजमंडी स्थित गूंदी फतेहपुर को नया औद्योगिक क्षेत्र बनाया गया है। यहां रीको के पास जमीन भी है और नए उद्योग भी लगाए जा रहे है। 

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इनका कहना है
कोटा के स्थानीय उद्यमी जो नया उद्योग लगाना चाहते है। उनमें से अधिकतर के पास तो जमीन है। विशेष रूप से पर्यटन के लिए होटल व रिसोर्ट शुरु करने वालों के पास। लेकिन यदि कोई बाहरी निवेशक कोटा आकर यहां बड़ा उद्योग लगाना चाहता है और उसे शहर के आस-पास व अधिक जमीन की जरूरत है तो वह उसे नहीं मिल पा रही है। रीकी के पास शहर में जमीन नहीं है। जबकि रामगंजमंडी व अन्य स्थानों पर जमीन है। सरकार  व प्रशासन को चाहिए कि निवेशकों को जमीन उपलब्ध करवाए। कई ऐसे निवेशक है जो यहां उद्योग लगाना चाहते हैं लेकिन उन्हें पसंद कीजगह पर और जितनीउन्हें आवश्कता है उतनी जमीन उपलब्ध नहींहोने से इसके अभाव में नया उद्योग नहीं लगा पा रहे है। यह सरकार व प्रशासन की जिम्मेदारी है तभी तो राइजिंग  राजस्थान के तहत हुए निवेश का कोटा को लाभ होगा। होटल व रिसोर्ट के क्षेत्र में जो एमओयू हुए हैं उनमें से अधिकतर के पास जमीनउपलब्ध है। 
- अशोक माहेश्वरी, संभाग अध्यक्ष होटल फैडरेशन आॅफ राजस्थान

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राइजिंग राजस्थान के तहत कोटा मेंहुए  कुल एमओयू में से जिला उद्योग केन्द्र के स्तर पर कुल 60उद्योग लगाए जाने है। जिनमें से 40 के पास जमीन है। जिन्हें एक साल में धरातल पर उतारने का प्रयास किया जाएगा। 20 उद्योग ऐसे हैं जिनके लिए जमीन तलाश की जा रही है। जमीन की उपलब्धता होते ही उन्हें भी शीघ्र लगाने का प्रयास होगा। 
- हरिमोहन शर्मा, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र

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कोटा शहर में उद्योग लगाने के लिए सरकार के पास जमीन कीकमी हो सकती है। लेकिन रामगंजमंडी  व आस-पास के क्षेत्र में जमीन है। शहर के नजदीक प्राइवेट औद्योगिक एरिया  विकसित किया जा रहा है। वहां छोटे-छोटे कई उद्योग लगाने वालों को जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। निवेशक सरकार से नि:शुल्क या रियायती दर पर जमीन चाहेंगे तो मिलने में परेशानी हो सकती है।  
- अनिल मूंदड़ा, उद्योगपति

राइजिंग राजस्थान के तहत कोटा जिले में हुए एमओयू  में से अभी तक रीको के स्तर पर 31 को उद्योग लगाने की जिम्मेदारीदी गई है। जिनमें से 28 के पास जमीन उपलब्ध है। तीन में से दो के प्रस्ताव तैयार किए हैं। जिन्हें नीलामी के माध्यम से जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। रीको के पास कोटा शहर में तो  नया उद्योग लगाने के लिए जमीन नहीं है। लेकिन रामगंजमंडी के गूंदी फतेहपुर में नए औद्योगिक क्षेत्र में जमीन कीउपलब्धता है। वहां उद्योग लगाए जाएंगे। नया उद्योग लगाने के लिए निवेशक को 3 साल का समय दिया जाता है। प्रयास रहेगा कि जिनके पास जमीन है उन्हें प्रोत्साहित कर एक से डेढ़ साल मे उद्योग स्थापित करवाए जा सके। 
- एम.के. शर्मा, अधिकारी रीको कोटा 

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