हिंदी साहित्यकार कमल किशोर गोयनका का निधन, डॉ. गोयनका को 9 मार्च से हो रही थी सांस लेने में तकलीफ
आज सुबह साढ़े सात बजे लीअंतिम सांस
हिंदी जगत के प्रख्यात साहित्यकार डॉक्टर कमल किशोर गोयनका का मंगलवार सुबह राजधानी के अस्पताल में निधन हो गया।
नई दिल्ली। हिंदी जगत के प्रख्यात साहित्यकार डॉक्टर कमल किशोर गोयनका का मंगलवार सुबह राजधानी के अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। उनके बड़े पुत्र संजय गोयनका ने बताया कि उनके पिता को 9 मार्च से डॉ गोयनका को सांस लेने में कष्ट हो रहा था और उपचार के लिए उन्हें राजधानी के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें पहले आइसीयू में रखा गया था और इसके बाद उन्हें सांस लेने में सहायता के लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ गई। उन्होंने वेंटिलेटर पर ही आज सुबह साढ़े सात बजे अंतिम सांस ली।
बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) में जन्में डॉ गोयनका दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग प्राध्याक थे और वहां से सेवा निवृत्ति के बाद दिल्ली में ही रह रहे थे। उन्हें उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद के साहित्य के सर्वोत्तम विद्वानों और शोधकर्ताओं में गिना जाता था। उनकी करीब 130 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं और प्रेमचंद के साहित्य पर उन्होंने काफी काम किया है। परिवार के सूत्रों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार बुधवार को किया जाएगा।
Comment List