धनखड़ में किसान और सैनिक समाहित, नेतृत्व में राज्य सभा बनेगी प्रभावी मंच : मोदी
राज्यसभा के नए सभापति धनखड़ का स्वागत
मोदी ने कहा कि धनखड़ में किसान और सैनिक समाहित है। आप तो झुंझुनू से आते हैं, झुंझुनू वीरों की भूमि है। शायद ही कोई परिवार ऐसा होगा, जिसने देश की सेवा में अग्रिम भूमिका न निभाई हो।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के नए सभापति जगदीप धनखड़ का स्वागत करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में उच्च सदन को सक्षम नेतृत्व मिलेगा और सदन देश के संकल्पों को पूरा करने का प्रभावी मंच बनेगा। मोदी ने राज्यसभा में धनखड़ के स्वागत वक्तव्य ने कहा कि आज संसद का ये उच्च सदन एक ऐसे समय में आपका स्वागत कर रहा है, जब देश दो महत्वपूर्ण अवसरों का साक्षी बना है। कुछ ही दिन पहले दुनिया ने भारत को जी-20 समूह की मेजबानी का दायित्व सौंपा है। साथ ही, ये समय अमृतकाल के आरंभ का समय है। ये अमृतकाल एक नए विकसित भारत के निर्माण का कालखंड तो होगा ही, साथ ही भारत इस दौरान विश्व के भविष्य की दिशा तय करने पर भी बहुत अहम भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि आपको इस सदन की तरफ से और पूरे देश की तरफ से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपने एक सामान्य परिवार से आ करके संघर्षों के बीच जीवन यात्रा को आगे बढ़ाते हुए आप जिस स्थान पर पहुंचे हैं, वो देश के कई लोगों के लिए अपने-आप में एक प्रेरणा का कारण है। मोदी ने कहा कि धनखड़ में किसान और सैनिक समाहित है। आप तो झुंझुनू से आते हैं, झुंझुनू वीरों की भूमि है। शायद ही कोई परिवार ऐसा होगा, जिसने देश की सेवा में अग्रिम भूमिका न निभाई हो। और ये भी सोने में सुहागा है कि आप स्वयं भी सैनिक स्कूल के विद्यार्थी रहे हैं। तो किसान के पुत्र और सैनिक स्कूल के विद्यार्थी के रूप में मैं देखता हूं कि आप में किसान और जवान, दोनों समाहित हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की इस यात्रा में हमारा लोकतंत्र, हमारी संसद, हमारी संसदीय व्यवस्था, उसकी भी एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इस महत्वपूर्ण कालखंड में उच्च सदन को आपके जैसा सक्षम और प्रभावी नेतृत्व मिला है। आपके मार्गदर्शन में हमारे सभी सदस्यगण अपने कर्तव्यों का प्रभावी पालन करेंगे, ये सदन देश के संकल्पों को पूरा करने का प्रभावी मंच बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस उच्च सदन के कंधों पर भी जो जिम्मेदारी है, उसका भी सबसे पहला सरोकार देश के सबसे निचले पायदान पर खड़े सामान्य मानवी के हितों से ही जुड़ा है। इस कालखंड में देश अपने इस दायित्व को समझ रहा है और उसका पूरी जिम्मेदारी से पालन कर रहा है।
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