साहस की कोई सीमा नहीं होती : नौसेना की जांबाज महिला अधिकारियों ने अटलांटिक महासागर से महिला दिवस पर संदेश, देश के सपनों को लेकर तूफानों का किया सामना
महिला सशक्तिकरण की अगुआई कर रही है
स्वदेशी नौका तारिणी में नाविका सागर परिक्रमा पर निकली। इन जांबाज महिलाओं का यह अभियान इस बात का प्रमाण है कि समय बदल गया है।
नई दिल्ली। समुद्र के रास्ते दुनिया का चक्कर लगाने के साहसिक अभियान पर निकली भारतीय नौसेना की जांबाज महिला अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अपनी जोखिम भरी यात्रा के बीच दक्षिण अटलांटिक महासागर से संदेश दिया है कि महिलाओं के साहस की कोई सीमा नहीं होती। दक्षिण अटलांटिक महासागर से संदेश, लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा समुद्री ज्वार की कसौटी पर खरी उतरीं, तूफानों से गुजरीं और साबित किया कि दुनिया की तरह महासागरों में भी उनके साहस की कोई सीमा नहीं है और महिलाओं में साहस की कोई सीमा नहीं होती। महिला दिवस की शुभकामनाएँ!
स्वदेशी नौका तारिणी में नाविका सागर परिक्रमा पर निकली। इन जांबाज महिलाओं का यह अभियान इस बात का प्रमाण है कि समय बदल गया है और भारतीय नौसेना किस तरह महिला सशक्तिकरण की अगुआई कर रही है। ये अधिकारी पिछले वर्ष 2 अक्टूबर को इस अभियान पर निकली थी। उन्होंने पूरे देश के सपनों को लेकर तूफानों का सामना किया और हिंसक समुद्रों से बच निकलीं। समूची दुनिया विस्मय से देख रही है कि दोनों अधिकारियों ने नारीत्व की सच्ची भावना और महिलाओं द्वारा हासिल की जा सकने वाली ऊंचाइयों को दिखाया है। दिलना और रूपा अपने साहसी प्रयास से उन हजारों भारतीय महिलाओं को प्रेरित करती रहेंगी, जो इतिहास में अपनी पहचान बनाने की आकांक्षा रखती हैं।
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