पोखरण परमाणु परीक्षण में अहम भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक आर. चिदंबरम का निधन
1974 में बॉम्बे से पोखरण तक प्लूटोनियम ले जाने वाले सैन्य ट्रक में यात्रा की
पोखरण परमाणु परीक्षण में अहम भूमिका निभाने परमाणु वैज्ञानिक एवं केन्द्र सरकार के पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. राजगोपाल चिदंबरम का शनिवार को मुंबई में निधन हो गया
मुंबई। पोखरण परमाणु परीक्षण में अहम भूमिका निभाने परमाणु वैज्ञानिक एवं केन्द्र सरकार के पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. राजगोपाल चिदंबरम का शनिवार को मुंबई में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। पोखरण परमाणु परीक्षणों के मुख्य शिल्पियों ने 1974 में बॉम्बे से पोखरण तक प्लूटोनियम ले जाने वाले सैन्य ट्रक में यात्रा की थी। डॉ. चिदंबरम को 1975 और 1999 में पद्मश्री और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. चिदंबरम ने जसलोक अस्पताल में तड़के तीन बजकर 20 मिनट पर अंतिम सांस ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ चिदंबरम के निधन से गहरा दुख व्यक्त किया है। मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया कि डॉ. राजगोपाल चिदंबरम के निधन से बहुत दुख हुआ। वह भारत के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख शिल्पियों में से एक थे और उन्होंने भारत की वैज्ञानिक और सामरिक क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें पूरा देश कृतज्ञता के साथ याद करेगा और उनके प्रयास आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे।
परमाणु हथियार कार्यक्रम में अहम योगदान
डॉ. चिदंबरम का जन्म 11 नवंबर, 1936 को चेन्नई में हुआ था। उन्हें भारत के परमाणु हथियार कार्यक्रम में प्रमुख भूमिका के लिए जाना जाता है। उन्होंने 1975 में पोखरण-1 और 1998 में पोखरण-2 के परमाणु परीक्षणों में अहम भूमिका निभाई थी।
कई अहम पदों पर रहे
डॉ. चिदंबरम ने केन्द्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (2001-2018), भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक (1990-1993), परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष और भारत सरकार के सचिव, डीएई (1993-2000) समेत कई प्रतिष्ठित पदों पर अपनी सेवाएं दीं।
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