युद्धों में जीत हासिल करने के लिए स्वदेशी लड़ाकू विमानों की बढ़ानी होगी संख्या : सिंह
ड़ाकू विमानों के स्क्वैड्रनों की संख्या अचानक नहीं बढायी जा सकती
वायु सेना को अभी उसके पास जो विमान और हथियार हैं उन्हीं के साथ लड़ना होगा।
नई दिल्ली। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर बल देते हुए कहा कि यदि भविष्य के युद्धों में जीत हासिल करनी है, तो स्वदेशी लड़ाकू विमानों और हथियारों की संख्या बढानी होगी और इसके लिए हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को हर वर्ष 24 विमान बनाने के वादे को पूरा करना होगा। बदलती परिस्थितियों और मौजूदा युद्धों को देखते हुए वायु सेना की ताकत के बढते महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यदि एचएएल इस चुनौती को पूरा नहीं कर पाता है, तो देश के निजी क्षेत्र को इसके लिए आगे आना होगा। उन्होंने बेबाक अंदाज में कहा कि वायु सेना में लड़ाकू विमानों के स्क्वैड्रनों की संख्या अचानक नहीं बढायी जा सकती। उन्होंने कहा कि वायु सेना को अभी उसके पास जो विमान और हथियार हैं उन्हीं के साथ लड़ना होगा।
इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि वायु सेना के बेड़े के सभी विमान और हथियार स्वदेशी होंगे। उन्होंने कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा विशेष रूप से लद्दाख क्षेत्र में तेजी से ढांचागत निर्माण और सुविधाएं बढा रहा है और हम भी अपने क्षेत्र में ढांचागत निर्माण और सुविधा बढाने में लगे हैं।
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