एडीए के पुलिसबल ने डॉक्टर को पीटा : डॉक्टरों में भारी रोष, अधिकारियों-कार्मिकों के निलंबन की मांग
जीप में डालकर ले गए थाने
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इस टीम ने उनकी गैरमौजूदगी में उनके दो नाबालिग बच्चों के साथ धक्कामुक्की कर उन्हें मकान से खदेड़कर मकान को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया।
अजमेर। पंचशील योजना में चाणक्य स्मारक के सामने ई-नीलामी से बेचे गए कॉर्नर भूखण्ड ए-56 पर हुए निर्माण को एडीए उपायुक्त सूर्यकांत शर्मा द्वारा अवैध करार देकर उसे तोड़ने के पारित आदेश की पालना के लिए एडीए का अतिक्रमण निरोधी दस्ता गुरुवार दोपहर एक बजे निर्माण तोड़ने जेसीबी लेकर पहुंचा। वहांं एडीए की कार्रवाई का विरोध करने पहुंचे भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक एवं भवननिर्माता डॉ. कुलदीप शर्मा के साथ एडीए पुलिस बल ने मारपीट कर दी। इससे खासा हंगामा खड़ा हो गया। डॉ.शर्मा ने आरोप लगाया कि उन्होंने चार साल पहले यह भूखण्ड ई-नीलामी के जरिए एडीए से खरीदा और नियमानुसार नक्शा पास कराकर मकान का निर्माण कराया। जिसे अवैध निर्माण करार देकर उसे ध्वस्त करने के लिए एडीए ने उन्हें बिना नोटिस थमाए अपनी टीम भेज दी।
इस टीम ने उनकी गैरमौजूदगी में उनके दो नाबालिग बच्चों के साथ धक्कामुक्की कर उन्हें मकान से खदेड़कर मकान को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया। इसकी जानकारी मिलने पर जब वह मौके पर पहुंंचे और एडीए की इस हरकत का विरोध किया तो एडीए के अतिक्रमण निरोधी दस्ते के साथ आए पुलिस बल ने उनके साथ भी मारपीट कर दी। उन्हें कॉलर पकड़कर धकेला। फिर जीप में बैठाकर क्रिश्चियनगंज पुलिस थाने पर ले आर्ई। उन्होंने तोड़फोड़ करने आई टीम के मुखिया से बात करनी चाही पर उसने तवज्जो नहीं दी। वहीं प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब एडीए का दल मौके पर पहुंचा तो डॉ.शर्मा के नाबालिग बच्चों ने मकान में रखा उनका सामान हटाने की गुहार लगाई और परिवारजनों ने मकान खाली करने के लिए समय देने का आग्रह किया।
डॉक्टरों में फैला रोष, थाने पहुंचे
शहर के निजी चिकित्सकों को इस घटना की जानकारी मिली तो बड़ी संख्या में चिकित्सक क्रिश्चियनगंज पुलिस थाने पहुंचे। उन्होंने क्रिश्चयनगंज थाना प्रभारी से डॉ. कुलदीप शर्मा के साथ मारपीट करने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्जकर उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। उसके बाद सभी चिकित्सकों ने जिला कलक्टर एवं एडीए अध्यक्ष लोकबंधु से मुलाकात कर अपने गुस्से का इजहार करते हुए उपायुक्त सूर्यकांत शर्मा और कनिष्ठ अभियंता रघुनंदन को तुरंत निलम्बित करने की मांग की। उन्होंने इन दोनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और चेतावनी दी कि यदि इन दोनों को तुरंत निलम्बित नहीं किया तो वे अनिश्चितकालीन धरना एवं प्रदर्शन कर उग्र आंदोलन करेंगे।
बिना नक्शा निर्माण, इसलिए तोड़ने के दिए आदेश
इस सिलसिले में जानकारी चाहने पर एडीए उपायुक्त सूर्यकांत शर्मा ने बताया 487.18 वर्गमीटर का उक्त कॉर्नर भूखण्ड ए-56 नवम्बर 2021 में हुई नीलामी में डॉ. नितिन दरगड़ ने खरीदा था। लेकिन कनिष्ठ अभियंता और नियोजन शाखा की रिपोर्ट के अनुसार उक्त भूखण्ड का मौके पर नाप 391.02 वर्गमीटर उपलब्ध हो रहा है। यानी नीलाम की गई भूमि से 96.16 वर्गमीटर भूमि कम उपलब्ध हो रही है। इसीलिए प्राधिकरण ने 27 जनवरी 2025 को कम हुए क्षेत्रफल 96.16 वर्गमीटर की राशि 43 लाख 32 हजार 800 रुपए क्रेता को लौटाने के आदेश जारीकर चैक थमा दिया। पर इस भूमि पर क्रेता डॉ.नितिन दरगड़ ने प्राधिकरण से बिना भवन मानचित्र स्वीकृत कराए ही अवैध निर्माण कर लिया। इस कारण उसे 14 फरवरी 2025 को नोटिस जारी कर तोड़ने का निर्णय लिया गया।
नवज्योति ने किया था खुलासा
उल्लेखनीय है कि नवज्योति ने एक माह पूर्व ही गफलत एडीए की, आफत आवंटी की शीर्षक से खबर प्रकाशित कर एडीए की यह करतूत उजागर की थी कि एडीए ने नीलाम किए गए भूखण्ड में लॉटरी के जरिए बेचे गए भूखण्ड की भूमि को शामिल कर दोनों आवंटियों के साथ धोखा किया है। यह खबर प्रकाशित होने के बाद एडीए प्रशासन ने इस गलती के सूत्रधार एडीए के कनिष्ठ अभियंता रघुनंदन को आरोप पत्र भी थमाया था। लेकिन उसके बाद यह प्रकरण ठण्डे बस्ते के हवाले हो गया और एडीए प्रशासन ने खरीददार चिकित्सक को अवैध निर्माण का नोटिस थमाकर गुरुवार को तोड़फोड़ की कार्रवाई को अंजाम दिया।
यह है प्रकरण
पंचशील नगर निवासी डॉ.नितिन दरगड़ ने वर्ष 2021 में एडीए की ई-नीलामी में हिस्सा लेकर पंचशील नगर योजना में 487.18 वर्गमीटर के कॉर्नर भूखण्ड ए-56 की 45050 रुपए प्रतिवर्गमीटर की अधिकतम नीलामी बोली लगाकर भूखण्ड की खरीद की थी। भूखण्ड का लीज होल्ड पट्टा विलेख एवं कब्जा पत्र 11 मई 2023 को जारी किया गया था। पट्टा जारी होने के बाद एडीए के तकनीकी अधिकारियों के हाथों भूखण्ड का नाप चौक कराकर भूखण्ड का भौतिक कब्जा लिया था। डॉ. दरगड़ के अनुसार उसके बाद भवन निर्माण स्वीकृति के लिए आवासीय मानचित्र प्रस्तुत कर एडीए के डिमाण्ड नोट की राशि जमा कराकर साइट प्लान के अनुरूप मकान का निर्माण करा लिया।
हकीकत यह है कि एडीए ने 487.18 वर्गमीटर के कॉर्नर भूखण्ड ए-56 की नीलामी उससे सटते हुए भूखण्ड ए-57 की 96.16 वर्ग मीटर भूमि को शामिल करते हुए की थी। यह भूखण्ड पूर्व में लॉटरी के जरिए नितिन माथुर को आवंटित किया गया था। एडीए अधिकारियों और कार्मिकों की इस गलती का अहसास होने के बाद एडीए सचिव ने 96.16 वर्गमीटर की राशि 43 लाख 32 हजार 800 रुपए ए-56 के खरीददार को लौटाने का निर्णय लिया था। लेकिन इस बीच उसने मौके पर निर्माण करा लिया जिसे ध्वस्त करने को वह राजी नहीं था।
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