रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से जैविक तत्व हो रहे समाप्त, घटने लगा है फसलों का उत्पादन
दिन-ब-दिन बिगड़ रही मिट्टी की सेहत
क्षेत्र में खेतों की मिट्टी की सेहत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। पोषक तत्वों की लगातार कमी के कारण फसलों का उत्पादन घटने लगा है और उनकी गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है
छीपाबड़ौद। क्षेत्र में खेतों की मिट्टी की सेहत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। पोषक तत्वों की लगातार कमी के कारण फसलों का उत्पादन घटने लगा है और उनकी गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर होने के चलते उपज में भी पोषक तत्वों की कमी देखी जा रही है। इसके अलावा रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी में जरूरी जैविक तत्व समाप्त हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से जैविक खाद और कम्पोस्ट खाद का उपयोग न करने के कारण मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा तेजी से घट रही है। कई खेतों की मिट्टी की जांच रिपोर्ट में कार्बनिक स्तर 0.10 प्रतिशत से भी कम पाया गया है, जबकि उपयुक्त खेती के लिए यह स्तर कम से कम 0.75 प्रतिशत होना जरूरी है। कार्बनिक तत्वों के शून्य स्तर पर आने की स्थिति में खेत बंजर हो जाते हैं और खेती करना लगभग असंभव हो जाता है।
इनका कहना है
पहले की तुलना में अब गेहूं और चने लहसुन की पैदावार कम हो गई है। खाद की मात्रा बढ़ाने के बावजूद उत्पादन नहीं बढ़ रहा। किसानो को जैविक तरीकों से खेती करने पर ध्यान देना चाहिए और सरकार को किसानों को आर्थिक मदद पर ध्यान देना चाहिए।
- प्रेम सिंह मीणा, जिलाध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन
मिट्टी की सेहत को बनाए रखने के लिए किसानों को जैविक खाद, हरी खाद और फसल चक्र अपनाने की जरूरत है। लगातार एक ही प्रकार की फसल लेने और रासायनिक खादों पर निर्भरता मिट्टी की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा रही है।
- ओमप्रकाश मीणा, सहायक कृषि अधिकारी
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