खाद्य सुरक्षा अधिकारी के 300 पदों पर शीघ्र भर्ती, मिलावट की जांच के लिए 7 नई टेस्टिंग लैब तैयार
दस दिन में मिलावट के 3363 सैम्पल लिए
फूड सेफ्टी एक्ट के तहत प्रदेश के लिए निर्धारित खाद्य सैम्पल का 284 प्रतिशत अधिक सैम्पल लेकर राजस्थान देश में मिलावटखोरी पर कार्रवाई में प्रथम स्थान पर है।
जयपुर। खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए त्यौहारी सीजन की बजाय हमेशा निरीक्षण अभियान चलाने की विधानसभा में गुरुवार को मांग उठी। विधायक भागचंद टांकड़ा ने शून्यकाल में ध्यानाकर्षण के जरिए मामला उठाते हुए कहा कि हर तरह के खाद्य पदार्थों में मिलावट हो रही है, जो आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहें है, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जांच निरीक्षण अभियान हमेशा चलें।
जवाब में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि मिलावट के खिलाफ औचक निरीक्षण कर कड़ी कार्रवाई की जा रही हैं। विभाग ने तीन से 12 मार्च तक 1340 खाद्य निरीक्षण करते हुए 3363 सैम्पल लिए हैं। इनमें नामी कंपनियों के भी सैम्पल लेकर जांच की जा रही है। कई विक्रेताओं पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। गंदे पानी में सब्जियां और फल उगाने वालों पर नगर निकायों को सख्त एक्शन लेना चाहिए। उन्होंने खाद्य सामग्री विक्रेताओं से अपील की है कि वे कमाई के लिए दूसरों की जिन्दगी को दाव पर नहीं लगाएं। फूड सेफ्टी एक्ट के तहत प्रदेश के लिए निर्धारित खाद्य सैम्पल का 284 प्रतिशत अधिक सैम्पल लेकर राजस्थान देश में मिलावटखोरी पर कार्रवाई में प्रथम स्थान पर है।
बजट में सात नई लैब की घोषणा
खींवसर ने कहा कि मिलावटी खाद्य सामग्री की जांच के लिए प्रदेश में अभी 11 टेस्टिंग लैब (अलवर, भरतपुर, कोटा, बीकानेर, अजमेर, उदयपुर, बांसवाड़ा, जालौर, चूरू, जयपुर और जोधपुर) संचालित हैं। विभाग ने सीकर, नागौर, बाड़मेर, धौलपुर, श्रीगंगानगर, भीलवाड़ा, बारां में 7 नई लैब और तैयार कर ली हैं। ये भी शीघ्र शुरू हो जाएंगी। इसी बजट में हनुमानगढ़, सवाई माधोपुर, जैसलमेर, पाली, सिरोही, चित्तौड़गढ़ और डूंगरपुर में नई लैब संचालित करने के लिए भी घोषणा हुई है। विभाग में अभी 97 खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यरत हैं। जांच के दायरे को और बढ़ाने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के लगभग 300 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है।
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