डायलिसिस मशीन खरीद में भ्रष्टाचार का मामला सदन में उठा, डोटासरा और स्पीकर के बीच बहस
विधायक कालीचरण के प्रश्न पर मंत्री गजेंद्र खींवसर ने जवाब दिया कि उपकरणों की जांच कराई गई थी। जांच में कोई अधिकारी दोषी नहीं पाया गया।
जयपुर। विधानसभा में मंगलवार को आरएमएससीएल केकडायलिसिस मशीन की खरीद को लेकर उठे सवाल पर पक्ष विपक्ष में तीखी बहस हो गई। मुद्दे पर इस दौरान कांग्रेस विधायक डोटासरा और स्पीकर आमने-सामने भी हुए।
विधायक कालीचरण के प्रश्न पर मंत्री गजेंद्र खींवसर ने जवाब दिया कि उपकरणों की जांच कराई गई थी। जांच में कोई अधिकारी दोषी नहीं पाया गया। पूरक सवाल में सराफ ने कहा कि अलग-अलग स्टेट में 12- लाख 15 लाख की डायलिसिस मशीन ने खरीदी गई, जबकि राजस्थान में 21 लाख रुपए में डायलिसिस की मशीन खरीदी गई। फिर भी आप कह रहे हैं की जांच में कोई दोषी नहीं पाया गया। एक दिन पहले जिस फर्म में टेंडर लगाया उसी को भी अपने वर्क आर्डर दे दिया। ये टेंडर किसके आदेश पर दिया गया। मंत्री ने जवाब दिया कि 364 डायलिसिस से अन्य उपकरण खरीदे गए। वर्ष 2022 में इसके प्रक्रिया शुरू हुई। अलग-अलग स्टेट की जहां तक बात है तो हो सकता है कि वहां पर अलग-अलग समय खरीदी गई, जबकि उपकरणों में बाहर उपकरण होते है वह इंपॉर्टेंट होते हैं,उनमें भी अलग-अलग रेट हो सकती है। पूरक सवाल करते हुए कालीचरण सराफ ने कहा कि क्या अब कोई जांच कराई जाएगी। मंत्री ने कहा कि इस प्रकरण की ऑडिट करेंगे और जांच करेंगे।
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