नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द करने की उठने लगी मांग, पुलिस की जांंच टीम के साथ असहयोग
आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन
नीरजा मोदी स्कूल में कक्षा 4 की 9 वर्षीय छात्रा अमायरा की दर्दनाक मौत ने पूरे राज्य के अभिभावकों को झकझोर दिया है। यह केवल एक हादसा नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की विफलता, निजी स्कूलों की मनमानी और शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही का परिणाम है। पुलिस को समय पर सूचना न देना, घटनास्थल की धुलाई कर साक्ष्य मिटाना और जांच में सहयोग न करना स्पष्ट रूप से कानूनी अपराध है।
जयपुर। राजधानी में नीरजा मोदी स्कूल में कक्षा 4 की 9 वर्षीय छात्रा अमायरा की दर्दनाक मौत ने पूरे राज्य के अभिभावकों को झकझोर दिया है। यह केवल एक हादसा नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की विफलता, निजी स्कूलों की मनमानी और शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही का परिणाम है। संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान ने कहा कि जब स्कूल समय में किसी मासूम के साथ इतना बड़ा हादसा होता है, तो स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी तय होना अनिवार्य है। पुलिस को समय पर सूचना न देना, घटनास्थल की धुलाई कर साक्ष्य मिटाना और जांच में सहयोग न करना स्पष्ट रूप से कानूनी अपराध है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की स्पष्ट गाइडलाइन के अनुसार स्कूल बिल्डिंग ग्राउंड फ्लोर सहित अधिकतम तीन मंजिल की हो सकती है, लेकिन नीरजा मोदी स्कूल पांच से अधिक मंजिलों पर संचालित हो रहा है।
यह न केवल आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा के साथ खुला खिलवाड़ भी है। संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि शिक्षा विभाग का कार्य केवल अनुमति देना नहीं, बल्कि सुरक्षा मानकों की नियमित निगरानी करना भी है। प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि नीरजा मोदी स्कूल ने जिस प्रकार तथ्यों को छिपाया, पुलिस और मृतका के अभिभावकों को जानकारी नहीं दी और साक्ष्य नष्ट किए यह गंभीर आपराधिक कृत्य है। ऐसे में स्कृल की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द की जानी चाहिए।

Comment List