जर्मनी की कंपनियों के लिए राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र बनाने को तैयार
मुख्यमंत्री शर्मा ने राजस्थान मूल के लोगों से प्रदेश में व्यवसाय करने के लिए आमंत्रित किया
मुख्यमंत्री ने जर्मनी को ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 का ‘पार्टनर कंट्री’ बनने के लिए आमंत्रित किया
ज्यूनिख। ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के तहत राज्य में निवेश बढ़ाने हेतु यूरोप के निवेशकों और कंपनियों से मुलाकात के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल से जर्मनी के दौरे पर है। अपने दौरे की शुरूआत में प्रतिनिधिमंडल ने बवेरिया राज्य चांसलरी के प्रमुख और संघीय मामलों के राज्य मंत्री डॉ. फ्लोरियन हरमन के साथ म्यूनिख में मुलाकात की और इस बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री शर्मा ने जर्मनी को ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 का ‘पार्टनर कंट्री’ बनने के लिए आमंत्रित किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने नीमराणा जापानी निवेश क्षेत्र की तर्ज पर राजस्थान में जर्मन निवेशकों के लिए एक विशेष निवेश क्षेत्र स्थापित करने की भी पेशकश की।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने जर्मनी के बवेरिया राज्य और राजस्थान के बीच एक गसिस्टर पार्टनरशिपग स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा, जिसमें अक्षय ऊर्जा पर विशेष जोर दिया जाएगा। बैठक में राजस्थान में बवेरिया का एक कार्यालय स्थापित करने का भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया और राज्य में निवेश आकर्षित करने में जर्मन सरकार से सहयोग की अपेक्षा व्यक्त की।
इस बैठक के दौरान बावरिया और राजस्थान के बीच स्किल्ड मैनपावर की जरुरतों को पूरा करने के लिए लिए आपसी साझेदारी पर भी चर्चा की गई। मुलाकात के दौरान उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, म्यूनिख में भारत के महावाणिज्यदूत शत्रुघ्न सिन्हा, राजस्थान के डिस्कॉम्स की अध्यक्ष और जयपुर डिस्कॉम की एमडी आरती डोगरा, उद्योग विभाग और ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट्स (बीआईपी) के आयुक्त रोहित गुप्ता शामिल थे।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा, जर्मनी भारत के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक और रणनीतिक साझेदारों में से एक है। मुलाकात के दौरान, हमने उनसे तकनीकी सहयोग और राजस्थान में निवेश बढ़ाने की अपेक्षा व्यक्त की। जापानी निवेशकों के लिए नीमराणा जोन की तरह ही, राजस्थान में जर्मन निवेशकों के लिए भी हम एक विशेष निवेश जोन स्थापित करने के लिए तैयार हैं।
इसके बाद, प्रतिनिधिमंडल ने म्यूनिख स्थित डॉयचेस म्यूजियम का भी दौरा किया, जो 1903 में स्थापित एक प्रमुख विज्ञान एवं उद्योग संग्रहालय है। डॉयचेस म्यूजियम के दौरे में राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने डॉयचेस म्यूजियम और जयपुर के अल्बर्ट हॉल म्यूजियम के बीच व्यापक सहयोग पर चर्चा की, जिसमें दोनों संग्रहालयों द्वारा संयुक्त प्रदर्शनियों का आयोजन, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पर्यटन को बढ़ावा देना, स्टेम के तहत अनुसंधान कार्यक्रमों में आपसी सहयोग, डॉयचेस संग्रहालय में राजस्थानी युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसर पैदा करना और राजस्थान में अन्य ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना शामिल है।
इसके बाद, प्रतिनिधिमंडल ने हाइड्रोजन और डायरेक्ट मेथनॉल फ्यूल सेल्स की अग्रणी कंपनी एसएफसी एनर्जी एजी के परिसर का भी दौरा किया और इस दौरान एसएफसी एनर्जी को राजस्थान में निवेश करने हेतु आमंत्रित किया। बैठक के दौरान एसएफसी एनर्जी ने राज्य के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने में रुचि दिखाई।
इससे पहले, म्यूनिख (जर्मनी) पहुंचने पर प्रतिनिधिमंडल का राजस्थान एसोसिएशन जर्मनी (आरएजी) के सदस्यों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान, आरएजी के हरगोविंद सिंह राणा, शांतनु दवे और एसोसिएशन के अन्य सदस्य मौजूद थे। इस दौरान हुई बातचीत में मुख्यमंत्री शर्मा ने राजस्थान मूल के लोगों से अपनी जन्मभूमि से संबंधों को मजबूत बनाने का आह्वान किया और उन्हें प्रदेश में व्यवसाय करने के लिए आमंत्रित किया।
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