छात्रसंघ चुनावों को बहाल करें राज्य सरकार, अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री से की युवाहित में फैसला करने की अपील
छात्रसंघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी की तरह
हमारी सरकार ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों एवं आचार संहिता के कारण चुनावी वर्ष में छात्रसंघ चुनावों को रोका था।
जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से अपील करते हुए कहा है कि राज्य सरकार को लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी और अधिक मजबूत करने एवं प्रदेश के बेहतर भविष्य के लिए छात्रसंघ चुनावों को बहाल करना चाहिए। गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए यह अपील की। उन्होंने कहा ''मैं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से व्यक्तिश: अपील करता हूं कि युवाहित में यह फैसला अविलंब लें।
उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव होने के बाद राजस्थान के छात्रनेता भी राज्य सरकार से छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की उम्मीद कर रहे हैं। हमारी सरकार ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों एवं आचार संहिता के कारण चुनावी वर्ष में छात्रसंघ चुनावों को रोका था। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा भी छात्रसंघ चुनावों पर प्रतिबंध लगाया गया था जिसे हमारी सरकार आने पर युवाओं के हित एवं लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए पुन: बहाल किया गया था। गहलोत ने कहा ''छात्रसंघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी की तरह हैं। इसमें हार-जीत के कोई मायने नहीं हैं।
इनमें भाग लेने से ही विद्यार्थियों की राजनीतिक समझ बढ़ती है। वर्ष 1972-73 में मैं स्वयं छात्रसंघ चुनाव लड़ा पर हार गया था। इसके बावजूद राजनीति में आगे बढ़ा। राजस्थान की वर्तमान राजनीति में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, नेता राजेन्द्र राठौड़, रघु शर्मा, महेश जोशी, प्रताप ङ्क्षसह खाचरियावास, हरीश चौधरी, राजकुमार शर्मा, हनुमान बेनीवाल, महेन्द्र चौधरी, मनीष यादव, मुकेश भाकर, विकास चौधरी, रामनिवास गावड़िया, कालीचरण सर्राफ, श्रीचंद कृपलानी, अशोक लाहोटी, अरुण चतुर्वेदी समेत ये तमाम विधायक और पूर्व विधायक छात्रसंघ से ही निकले हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली भी छात्रसंघ की राजनीति से निकले।
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