टोल वसूली का नया प्लान : स्पीड वाले वाहनों का बिना रुके कटेगा टोल, एएनपीआर तकनीक करेगी काम
कुछ जगहों पर टैंडर भी जारी कर दिए गए
देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 1,46,145 किलोमीटर है, जबकि एक्सप्रेस-वे की लंबाई 3,913 किलोमीटर हैं, जहां टोल वसूला जा रहा हैं।
जयपुर। सब कुछ ठीकठाक रहा तो जल्द ही आने वाले समय में हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर टोल वसूली का झंझट खत्म हो जाएगा अर्थात भविष्य में टोल चुकाने के लिए किसी भी बैरियर में रूकने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए केन्द्रीय सड़क, परिवहन मंत्रालय ने नया प्लान तैयार किया है। इसमें एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तकनीक को लेकर कुछ जगहों पर टैंडर भी जारी कर दिए गए हैं। देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 1,46,145 किलोमीटर है, जबकि एक्सप्रेस-वे की लंबाई 3,913 किलोमीटर हैं, जहां टोल वसूला जा रहा हैं।
अभी टोल वसूली की स्थिति
राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार देश के 1.5 लाख किलोमीटर लंबे नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे नेटवर्क में से करीब 45 हजार किलोमीटर पर टोल वसूला जा रहा हैं। देशभर में 1063 टोल प्लाजा है। राजस्थान में दस हजार लंबाई में गुजरते नेशनल हाइवे पर 60 से अधिक टोल प्लाजों के जरिए टोल वसूला जा रहा हैं। राज्य के किशनगढ़ और शाहजहांपुर टोल प्लाजा देश के दस मुख्य प्लाजा में शामिल हैं, जहां रोज सर्वाधिक टोल का संग्रहण होता हैं।
जीपीएस आधारित तकनीक पर उठे सवाल
हाल ही में एक्सपर्ट कमेटी ने जीपीएस आधारित टोल तकनीक पर सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे। साथ ही अगर कभी जीपीएस में गड़बड़ी आ गई तो परेशानी और बढ़ सकती है। इसलिए मंत्रालय ने जीपीएस आधारित टोल मॉडल के बजाय इस दिशा में काम शुरू कर दिया हैं।
गलत टोल कटने के एक साल में 12.55 लाख मामले
फास्टैग से आॅटोमेटिक टोल का पैसा कटता है, लेकिन कई बार दो बार टोल कट जाता है, गाड़ी के बिना टोल से गुजरे ही पैसा कटने का मैसेज मिल जाता है। ऐसे मामलों को भी राजमार्ग मंत्रालय ने गंभीरता से लेते हुए गलत टोल संग्रह करने वाली एजेंसियों पर अब तक दो करोड़ का जुर्माना लगाया गया हैं। जबकि 2024 में ऐसे 5 लाख से अधिक मामलों में रिफंड किया गया। अर्थात राष्टÑीय इलेक्टॉनिक टोल संग्रह कार्यक्रम को संचालित करने वाली नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया ने साल 2024 में हुए 410 करोड़ फास्टैग ट्रांजैक्शन में से गलत कर संग्रह के 12.55 लाख मामलों की सूचना दी।
नई तकनीक से यूं कटेगा टोल
एएनपीआर के तहत टोल चुकाने के लिए जहां कैमरे लगे है, वहां पर गाड़ी धीमी नहीं करनी पडेगी, स्पीड़ से चलने वाले वाहन का कैमरे से नंबर प्लेट की फोटो ली जाएगी, चूंकि नंबर प्लेट से फास्टैक लिंक है।
नए सिस्टम के फायदे
ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन तकनीक से टोल वसूली शुरू होने पर समय और र्इंधन की बचत होगी। साथ ही फास्टैग के बावजूद कभी-कभी टोल प्लाजों पर लगने वाली वाहनों की लंबी लाइनें भी खत्म हो जाएंगी। इसकी शुरुआत के साथ ही पुरानी टोल संग्रह व्यवस्था खत्म हो जाएगी।
कई बार फास्टैग में पैसा नहीं होने पर ज्यादा टोल देना पड़ता हैं, इससे परेशानी होती है। पहले की बजाय टोल पर अच्छी व्यवस्था हैं।
- नरेश यादव, ट्रक ड्राइवर
पहले लंबा जाम लग जाता था, जिससे डीजल भी ज्यादा खर्च होता था, लेकिन अब टोल पर ज्यादा रूकने की जरूरत नहीं हैं।
- अनिल पाल, ट्रक ड्राइवर
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