एयरपोर्ट डायरेक्टर की कोटा में नियुक्ति, निर्माण शुरू होने के तीन साल बाद तैयार होगा एयरपोर्ट
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की अगले माह तक तैयार होगी डीपीआर
ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की डीपीआर बनाने का काम मुख्यालय के स्तर पर किया जा रहा है।
कोटा। कोटा के शम्भूपुरा में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए कोटा में उप महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी विमानपतन निदेशक (एयरपोर्ट डायरेक्टर) की नियुक्ति कर दी गई है। वहीं डीपीआर बनाने का काम अंतिम चरण में है। जिसके अक्टूबर तक तैयार होने की संभावना है। एयरपोर्ट का काम शुरू होने के बाद करीब 3 साल में इसके बनकर तैयार होने की संभावना है। कोटा से करीब 15 कि.मी. और बूंदी से 20 कि.मी. की दूरी पर शम्भूपुरा के पास ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का निर्माण किया जाना है। जिसके लिए केन्द्र और राज्य सरकारों के स्तर पर प्रयासों को गति प्रदान की जा रही है। 440.646 हैक्टेयर भूमि पर एयरपोर्ट का निर्माण किया जाना है। जिसके लिए राज्य सरकार ने एयरपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया को नि:शुल्क जमीन उपलब्ध करवाई है। हालांकि इसमें से कोटा विकास प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र की जमीन 33.968 हैक्टेयर है। जबकि 406.678 हैक्टेयर भूमि वन विभाग की है। वन विभाग की भूमि के डायवर्जन की सभी औपचारिकताएं तो पूरी कर दी गई है। केन्द्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से इसकी अनुमति मिल चुकी है और राज्य सरकार के स्तर पर डायवर्जन की राशि भी जमा करवा दी गई है। लेकिन अभी तक वन विभाग की भूमि एयरपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया को हैंडओवर नहीं की गई है। जिसकी प्रक्रिया चल रही है। जबकि केडीए की जमीन एयरपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया के नाम दर्ज कर हैंडओवर की जा चुकी है।
डीपीआर अंतिम चरण में, डिजाइन तैयार
ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की डीपीआर बनाने का काम मुख्यालय के स्तर पर किया जा रहा है। पिछले काफी समय से चल रहे इस काम को अंतिम चरण में बताया जा रहा है। जिसमें डीएसआर रेट समेत कुछ जानकारियों को शामिल करते हुए फाइनल किया जाना है। डीपीआर के अक्टूबर में दूसरे व तीसरे सप्ताह तक तैयार होने की संभावना है। जबकि एयरपोर्ट का प्रस्तावित डिजाइन तैयार हो गया है। एयरपोर्ट के फ्रंट साइड का डिजाइन नवज्योति के पास है। जिसे सबसे पहले पाठकों के पास पहुंचाया जा रहा है।
पावरग्रिड की लाइनें होनी हैं शिफ्ट
एयरपोर्ट की प्रस्तावित जमीन व रनवे के स्थान पर पावरग्रिड के खम्बे व लाइनें है। जिन्हें शिफ्ट किया जाना है। इसके लिए रा’य सरकार के स्तर पर एमओयू तो किया जा चुका है। उन्हें शिफ्ट करने पर खर्च होने वाली राशि भी जमा करवाई जा चुकी है। लाइनें शिफ्ट होने का काम भी शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।
अब तक यह हो चुका काम
ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए शम्भूपुरा में जमीन आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। एएआई के अधिकारियों की टीम पूर्व में जमीन को लोकेशन देख चुकी है। जमीन पर मृदा परीक्षण, ओएलएस सर्वेक्षण और टोपोनिकल सर्वे का काम भी किया जा चुका है। भूमि के डायवर्जन व पावरग्रिड लाइनों की शिफ्टििंग से संबंधित राशि जमा करवाई जा चुकी है। केन्द्र व राज्य सरकार के स्तर पर कोटा एयरपोर्ट निर्माण को गम्भीरता से लिया जा रहा है। प्रधानमंत्री से लेकर लोकसभा अध्यक्ष तक और मुख्यमंत्री से लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय तक लगातार इसके लिए काम में जुटे हुए हैं।
निर्माण शुरू होने के बाद तीन साल का समय
कोटा का ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट काफी बड़ा बनेगा। डीपीआर तैयार होने के बाद इसके टेंडर की प्रक्रिया शुरु होगी। करीब एक हजार से 12 सौ करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस एयरपोर्ट निर्माण की टेंडर प्रक्रिया को पूरा होने में ही करीब डेढ़ से दो माह का समय लगेगा। उसके बाद जब एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू होगा। उसके बाद उसे पूरा करने में कम से कम तीन साल का समय लगने की संभावना है। हालांकि किशनगढ़ में यहां से छोटा एयरपोर्ट वर्ष 2014 में बनना शुरू हुआ था उसे भी तैयार होने में तीन साल का समय लगा था। जबकि यहां का एयरपोर्ट उससे बड़ा है। लेकिन पहले से नई तकनीक आने से बड़ा एयरपोर्ट भी तीन साल में तैयार होने की संभावना है।
- तुलसीराम मीणा, विमानपतन निदेशक कोटा एयरपोर्ट
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