शहर में शामिल इलाके, फिर भी गांव जैसे हालात
आंवली रोझड़ी समेत कई इलाकों में नहीं पेयजल की सुविधा
लोगों को प्राइवेट बोरिंग से खरीदना पड़ रहा है पानी।
कोटा। संभागीय मुख्यालय होने और स्मार्ट सिटी व पर्यटन नगरी के रूप में विकसित होने के साथ ही चम्बल नदी के किनारे बसे कोटा शहर में अभी भी कई इलाके ऐसे हैं जो शहरी सीमा व नगर निगम में शामिल हो चुके है। लेकिन वहां अभी भी गांव जैसे ही हालात है। विशेष रूप से नगर निगम कोटा दक्षिण के आंवली-रोझड़ी, नयागांव, दौलतगंज, बंधा, धर्मपुरा और देव नारायण समेत कई इलाकों के लोगों को पीने का पर्याप्त पानी तक नहीं मिल रहा है। जिससे सामान्य दिनों में ही लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्मी के सीजन में जब पानी केी अधिक आवश्यकता होती है। उस समय में यहां किल्लत अधिक बढ़ जाती है। शहर के विकास व जलदाय विभाग की टंकियां व अकेलगढ़ बनाने के बाद भी हालत यह है कि बरसों बाद लोगों को पीने का पर्याप्त पानी तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
यह है स्थिति
रावतभाटा रोड स्थित आंवली रोझड़ी नगर निगम कोटा दक्षिण के वार्ड 29 में आते है। यहां करीब 50 हजार से अधिक की आबादी है। इसके साथ ही वार्ड 7 में नयागांव व दौलतगंज भी आते है। ये नगर निगम में शामिल होने के बाद भी गांव जैसे हालातों से गुजर रहे है। यहां पानी की सप्लाई तक नहीं है। ऐसे में यहां के लोगों को प्राइवेट बोरिंग से पानी खरीदना पड़ रहा है। जिसके लिए जरूरतमंद लोगों को महंगे दामों पर पानी खरीदना पड़ रहा है। आंवली रोझड़ी में कुछ धनाड्य लोगों ने अपने यहां बोरिंग करवाई हुई है। उन एक-एक बोरिंग से कई -कई लोगों ने कनेक् शन करवाए हुए हैं। जिससे लोगों के घरों तक पानी पहुंच रहा है। जिसकी एवज में लोगों को 200 से 500 रुपए महीने का भुगतान तक करना पड़ रहा है।
हर बार प्रदर्शन व टैंकरों का सहारा
नगर निगम कोटा दक्षिण वार्ड 29 के पार्षद धनराज चेची ने बताया कि आंवली रोझड़ी, नयागांव व दौलतगंज शहरी सीमा में होने के बाद भी यहां पीने का पानी तक लोगों को नहीं मिल रहा है। कई सालों से हर बार गर्मी में जलदाय विभाग व अकेलगढ़ पर प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ता है। साथ ही जलदाय विभाग द्वारा टैंकरों से पानी की सप्लाई की जाती है। लेकिन आबादी के हिसाब से टैंकरों की आपूर्ति कम रहने से लोगों को पर्याप्त पानी तक नहीं मिल पा रहा है। चेची ने बताया कि कुछ लोगों ने प्राइवेट बोरिंग किया हुआ है। जिससे कई लोगों ने कनेक् शन ले रखा है। वहां से पानी घरों तक पहुंच रहा है। जबकि जलदाय विभाग अभी तक भी पाइप से पानी नहीं पहुंचा पाया है।
उपमहापौर ने जलदाय विभाग को लिखा पत्र
इधर गर्मी के मौसम में नगर निगम कोटा दक्षिण के कई क्षेत्रों में होने वाली पानी की किल्लत को दूर करने के लिए उप महापौर पवन मीणा ने मंगलवार को जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि कोटा शहर व नगर निगम सीमा क्षेत्र में शामिल ग्राम बंधा, धर्मपुरा, रथकाकरा, पुनिया देवरी और देवनारायण योजना क्षेत्र में पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। जिससे वहां के नागरिकों और पालतू पशुओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।उन्होंने पत्र के माध्यम से विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन इलाकों में जल्द से जल्द पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति नहीं की गई तो 28 मार्च को क्षेत्रवासियों के साथ जलदाय विभाग कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बार-बार मौखिक और लिखित निवेदन करने के बावजूद इन क्षेत्रों में पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया। सरकार को रिपोर्ट में बताया जाता है कि पानी की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में हो रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। गरीब जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही, जिससे आमजन त्रस्त हैं। उप महापौर मीणा ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से मांग की कि इन क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि आमजन को राहत मिल सके।
इनका कहना है
आंवली रोजड़ी, नयागांव व दौलतगंज में पानी पहुंचाने के लिए रा’य सरकार ने इस बार बजट में घोषणा की है। इसके लिए 2.48 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। इसके लिए अकेलगढ़ से अलग से पाइप लाइन डाली जाएगी। साथ ही नीचे की तरफ स्वच्छ जलाशय बनाया जाएगा और पम्प हाउस बनेगा। जिससे इस क्षेत्र में आसानी से पानी पहुंचाया जा सकेगा। लेकिन इस काम को पूरा होने में करीब एक साल का समय लगेगा। जिससे अगले साल गर्मी में ही चम्बल का पानी पाइप से मिल सकेगा। उससे पहले तो टैंकरों से ही पानी की सप्लाई की जाएगी।
- प्रकाश वीर नाथानी, अधिशाषी अभियता, जलदाय विभाग कोटा
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