कोटा दक्षिण उप महापौर ने लगाया भेदभाव का आरोप
सफाई समिति अध्यक्ष होने के बाद भी उन्हें नहीं दिए जा रहे सफाई संसाधन
जनता की शिकायतों का समाधान करने में परेशानी आ रही है।
कोटा। नगर निगम कोटा दक्षिण के उप महापौर पवन मीणा ने सफाई व्यवस्था में निगम प्रशासन द्वारा उनके साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सफाई समिति अध्यक्ष होने के बाद भी निगम प्रशासन द्वारा उन्हें न तो सफाई के लिए ट्रेक्टर ट्रॉली दी गई और न ही सफाई श्रमिक। उप महापौर ने कहा कि राजीव अग्रवाल कांग्रेस पार्षदों के समर्थन से महापौर चुने गए थे, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान वे भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद से ही कांग्रेस पार्षदों के वार्डों में विकास कार्यों में अड़चनें डाली जा रही हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा स्वीकृत योजनाओं को भी रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सफाई समिति अध्यक्ष को श्रमिक नहीं मिलने से जनता हो रही परेशान
उप महापौर ने आरोप लगाया कि दिसंबर 2024 में 1700 सफाई श्रमिकों के लिए एक टेंडर जारी किया गया था। उसमें से 20 श्रमिक मेयर ने अपने पास रख लिए। 20 श्रमिक नेता प्रतिपक्ष को दे दिए और वीआईपी मूमेंट के दौरान 90 श्रमिक रिजर्व रखे गए। अन्य श्रमिक भी अलग-अलग कार्यों के लिए आरक्षित कर दिए गए। लेकिन सफाई समिति का अध्यक्ष होने के बावजूद उपमहापौर को एक भी श्रमिक नहीं दिया गया।इससे उन्हें सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करने में कठिनाई हो रही है। जनता की शिकायतों का समाधान करने में परेशानी आ रही है।
ट्रैक्टर-ट्रॉली आंवटन में भी भेदभाव
उप महापौर ने बताया कि हाल ही में एक और टेंडर जारी किया गया। जिसमें प्रत्येक 9 सेक्टरों को 1-1 ट्रैक्टर-ट्रॉली आवंटित की गई। साथ ही महापौर और नेता प्रतिपक्ष को 1-1 ट्रैक्टर-ट्रॉली रिजर्व की गई। लेकिन उपमहापौर को एक भी ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं दी गई।
सफाई समिति की बैठक तक नहीं हो रही
उप महापौर ने कहा कि नगर निगम में सफाई समिति की बैठक नहीं होने देना भी इस भेदभाव की एक बड़ी कड़ी है। उन्होंने कई बार नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर सफाई समिति की आधिकारिक बैठक बुलाने का निवेदन किया, लेकिन अब तक बैठक नहीं करवाई गई। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 5 वर्ष के कार्यकाल में मात्र 2 ही बैठकें हुई हैं।
आयुक्त से बात करें
इस बारे में महापौर राजीव अग्रवाल का कहना है कि सफाई श्रमिक देने का काम आयुक्त का है। वैसे किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा। फिर भी यदि उन्हें लगता है तो वे इस संबंध में आयुक्त से बात कर सकते है। जहां तक ट्रेक्टर ट्रॉली का मामला है वह सड़क से मिट्टी उठाने लिये दूसरी जगह काम में जिया जायेगा।
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