असर खबर का - पशुओं को सर्दी से बचाएगी पशुपालन विभाग की फौज
पशुधन के उपचारके लिए चिकित्सा टीमें तैयार
इस सम्बंध में 20 दिसम्बर को दैनिक नवज्योति ने सर्दी से पशुओं के बीमार होने और दूध उत्पादन कम होने के सम्बंध में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद पशुपालन विभाग हरकत में आया और चिकित्सा टीमें गठित की।
कोटा। सर्दी के तीखे तेवर बढ़ने के साथ ही पशुपालन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। सर्दी से पशुओं के बीमार होने की संभावनाओं को देखते हुए चिकित्सा टीमें तैयार की गई, जो सूचना मिलने पर तुरन्त मौके पर पहुंचकर बीमार पशुओं का उपचार करेगी। विभाग का मानना है कि पशुओं की सर्वाधिक मौतें सर्द ऋतु में सर्दी लगने के कारण होती है। ऐसे में पशुओं को सर्दी से बचाने के उपाय करने के साथ-साथ बीमार होने पर पशु को समय पर उपचार मिलना भी जरूरी होता है। यदि बीमार पशु को समय रहते उपचार मिल जाए तो उसको मरने से बचाया जा सकता है।
नवज्योति ने उठाया मामला तो हरकत में आया विभाग
सर्दी का असर अब आमजन के साथ-साथ पशुधन पर भी देखने को मिल रहा है। अधिक सर्दी के कारण जहां पशुओं में दूध की मात्रा घट रही है, वहीं पशु बीमार भी पड़ रहे हैं। पिछले करीब एक सप्ताह से सर्दी में बढ़ोतरी हो रही है। सर्दी से पशु भी प्रभावित होने लगे हैं। ऐसे में इसका प्रभाव दूध उत्पादन पर हो रहा है। इस सम्बंध में 20 दिसम्बर को दैनिक नवज्योति ने सर्दी से पशुओं के बीमार होने और दूध उत्पादन कम होने के सम्बंध में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद पशुपालन विभाग हरकत में आया और चिकित्सा टीमें गठित की।
कर्तव्य पालन में नहीं बरतें कोताही
कोटा जिले में संचालित सभी 180 पशु चिकित्सा इकाइयों में पर्याप्त मात्रा में दवाओं का भंडारण कराया जा रहा है। साथ ही वहां तैनात स्टाफ को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अपने कर्तव्य पालन में कतई कोताही नहीं बरतें। कोटा में पशुपालन विभाग का एक बहुद्देशीय पशु चिकित्सालय मोखापाड़ा में स्थित है। इसके अलावा 16 प्रथम श्रेणी के पशु चिकित्सालय संचालित हैं। 36 पशु चिकित्सालय, 124 पशु चिकित्सा उप केंद्र तथा 3 मोबाइल यूनिट भी संचालित हैं।
इनका कहना है
पशु को सर्दी से बचाने के लिए भरपेट चारा, दाना-पानी आदि खिलाएं। पशु को बांधने के स्थान पर उसे अनुकूल वातावरण दें, ताकि वह बीमार न पड़े। यदि फिर भी पशु बीमार हो जाए तो उपचार कराने में लापरवाही नहीं बरतें। तत्काल पशु को पशु चिकित्सालय लेकर आए। यहां दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है और पर्याप्त स्टाफ भी है।
-डॉॅ. गिरिश सालफले, उपनिदेशक पशुपालन विभाग कोटा
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