असर खबर का - आमजन को महंगाई से राहत दिलाएगा भारत आटा, सहकारी संस्थाओं में जल्द होगी आपूर्ति

30 रुपए प्रति किलो की दर से होगी बिक्री

असर खबर का - आमजन को महंगाई से राहत दिलाएगा भारत आटा, सहकारी संस्थाओं में जल्द होगी आपूर्ति

आमजन को महंगाई से राहत दिलाने के लिए केन्द्र सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं

कोटा। आमजन को महंगाई से राहत दिलाने के लिए केन्द्र सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बाजार में गेहूं के साथ आटा की कीमतें भी बेलगाम होती जा रही है। ऐसे में सरकार ने अब बाजार में सस्ती दर पर भारत आटा की बिक्री करने का निर्णय किया है। वर्तमान में आटे का भाव 40 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। वहीं ब्रांडेड आटा तो 50 रुपए किलो तक बिकने के कगार पर है। इसलिए सरकार सस्ता आटा आमजन को उपलब्ध कराएगी। वर्तमान में बाजार में आटे के भाव को देखते हुए सरकार की ओर से 30 रुपए प्रति किलो की दर से भारत आटे की बिक्री की जाएगी। इससे पहले सरकार पिछले साल भी सस्ता आटा 27.50 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा था। इस साल बाजार भाव तेज होने से ढाई रुपए किलो की बढ़ोतरी की है। 

पांच व दस किलो के पैकेट में मिलेगा: जानकारी के अनुसार सहकारी समितियों व केंद्रीय भंडार के जरिये गेहूं का आटा 30 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से पांच और 10 किलोग्राम के पैकेट में बेचा जाएगा। इसके लिए सरकार ने भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से 3.69 लाख टन गेहूं का कोटा आवंटित किया है। इस गेहूं का आटा बनाकर भारत आटा के नाम से बाजार में बिक्री के लिए जारी किया जाएगा। पिछले साल भी कोटा के लोगों के लिए सरकार की ओर से बीस टन भारत आटा की आपूर्ति की गई थी। सरकार ने दस-दस टन आटा कोटा क्रय विक्रय सहकारी समिति और सहकारी उपभोक्ता भंडार को आवंटित किया था। सहकारी समिति और उपभोक्ता भंडार की दुकानों पर सस्ती दर पर आटा बेचा गया है, जो बाजार भाव से कम था। सस्ता होने से इसकी अच्छी बिक्री हुई थी। 

नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मामला
बाजार में आटे के भाव लगातार बढ़ने के सम्बंध में दैनिक नवज्योति ने 7 मार्च को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था। जिसमें बताया था कि  आमजन का निवाला भी महंगाई की चपेट में आ गया है। पिछले एक साल में ही आटा 40 फीसदी महंगा हो गया है। इसका सबसे ज्यादा असर निम्न और मजदूर वर्ग पर पड़ा है। दरअसल, गेहूं के दामों में उछाल के साथ ही आटे के दामों में तेजी दर्ज की गई है। ब्रांडेड से लेकर नान ब्रांडेड आटे के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इससे आम आदमी की परेशानी बढ़ रही है। आटे के बढ़े दामों ने किचन का बजट का खराब कर दिया है और लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। बाजार में आटे की कमी नहीं है, इसके बावजूद कीमतें काबू में नहीं आ रही है। आटे का दाम 35 रुपए किलो से बढ़कर 40 रुपए प्रति किलो हो गया है। सरकार अगर एक सप्ताह में बाजार में गेहूं उपलब्ध नहीं कराती है तो बाजार में आटे की किल्लत हो जाएगी। 

राशनकार्ड के अभाव में उसे सस्ता गेहूं नहीं मिलता है। ऐसे में बाजार से महंगा आटा खरीदना पड़ता है। इस साल तो आटा काफी महंगा हो गया है। ऐसे में अब सरकार द्वारा सस्ता आटा उपलब्ध कराने से काफी राहत मिलेगी।  जल्द से जल्द इसकी बिक्री शुरू होनी चाहिए। 
- जानकीलाल, उपभोक्ता

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वर्तमान में बाजार में आटे के भाव को देखते हुए सरकार की ओर से 30 रुपए प्रति किलो की दर से भारत आटे की बिक्री की जाएगी। इससे पहले सरकार पिछले साल भी सस्ता आटा 27.50 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा था। इस साल बाजार भाव तेज होने से ढाई रुपए किलो की बढ़ोतरी की है।
- आर. पी. रावत, प्रबंधक नेफैड 

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