स्मार्ट सिटी की सूरत बिगाड़ रहे पोस्टर व विज्ञापन

शहर में सार्वजनिक स्थानों पर चिपके हैं पोस्टर व पम्पलेट

स्मार्ट सिटी की सूरत बिगाड़ रहे पोस्टर व विज्ञापन

शहर में स्थानों की जानकारी के लिए जगह-जगह पर संकेतक(गेंट्री बोर्ड) लगाए गए हैं। हालत यह है कि उन गेंट्री बोर्ड तक विज्ञापनों से अटे हुए हैं। फिर चाहे वह जन्म दिन की बधाई के हो या किसी के स्वागत की।

कोटा। एक तरफ तो शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। हजारों करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सार्वजनिक स्थानों व विकास व सौन्दर्यीकरण के कार्यों पर ही पोस्टर व विज्ञापन लगाकर शहर की सूरत बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। शहर में नगर विकास न्यास द्वारा व स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जितने भी विकास कार्य करवाए गए हैं। उन सभी की सूरत पोस्टर व विज्ञापनों से बिगाड़ी जा रही है। दादाबाड़ी से केशवपुरा का फ्लाई ओवर हो या गुमानपुरा का फ्लाई ओवर। अनंतपुरा का फ्लाई ओवर हो या सिटी मॉल के सामने का एलिवेटेड रोड। छावनी की पुलिया हो या कोटड़ी का फ्लाई ओवर। शायद ही कोई सार्वजनिक जगह ऐसी होगी जहां किसी न किसी संस्था के पोस्टर व पम्पलेट चिपके हुए नहीं हो। फिर चाहे वह होटलों के विज्ञापन हो या कोचिंग संस्थान के, प्रतिष्ठान के हो या डॉक्टरों के। विज्ञापन लगाने वाले उन सार्वजनिक जगहों का उपयोग नि:शुल्क तो कर ही रह हैं। जबकि ऐसे स्थानों पर विज्ञापन लगाना गलत है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बने सिटी बस स्टॉप, तालाब की पाल, बिजली के पैनल बॉक्स और शहर के हर सार्वजनिक शौचालय व मूत्रालय में विज्ञापनों की भरमार है। यहां तक कि बोरखेड़ा  फ्लाई ओवर तो अभी निर्माणाधीन ही है। उसका निर्माण अभी चल ही है। उस तक के पिलर व दीवारों पर विज्ञापन चस्पा कर रखे हैं।  नगर निगम द्वारा सम्पती विरुपण अधिनिायम के तहत ऐसे लोगों व संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। लेकिन निगम की ओर से अभी तक किसी के भी खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि निगम की ओर से पूर्व में कई संस्थाओं को नोटिस जरूर भेजे गए थे। साथ ही निगम ने ही अपने स्तर पर उन विज्ञापनों को हटवाया भी था।  लेकिन किसी भी संस्थान के खिलाफ कार्रवाई नहीं  की। जिससे ऐसे लोगों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं। 

गेंट्री बोर्ड भी विज्ञापनों से अटे
इतना ही नहीं शहर में स्थानों की जानकारी के लिए जगह-जगह पर संकेतक(गेंट्री बोर्ड) लगाए गए हैं। लेकिन हालत यह है कि उन गेंट्री बोर्ड तक विज्ञापनों से अटे हुए हैं। फिर चाहे वह जन्म दिन की बधाई के हो या किसी के स्वागत के।  इन बोर्ड पर विज्ञापन लगाने वालों के खिलाफ न्यास ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। वरन् स्वयं की टीम व मशीनरी लगाकर उन विज्ञापनों को हटाया जरूर था। जबकि न्यास में भी ऐसे लोगों के खिलाफ जुर्माने का प्रावधान है। 

कार्य योजना बनाई जा रही
कोटा दक्षिण के उपायुक्त राजेश डागा ने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर विज्ञापन लगाना गलत है। निगम द्वारा निर्धारित स्थानों पर ही अनुमति लेकर विज्ञापन लगाए जा सकते हैं। बिना अनुमति के  और सार्वजनिक स्थानों पर विज्ञापन लगाने वालों के खिलाफ निगम सख्त कार्रवाई करेगा। इसकी कार्ययोजना बनाई जा रही है।  

महापौर ने दिए एफआईआर के निर्देश
कोटा दक्षिण के महापौर राजीव अग्रवाल ने एक दिन पहले निगम अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक ली थी। जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर विज्ञापन लगाने वालों के खिलाफ सम्पति विरुपण अधिनियम के तहत एफआईआर तक दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं। 

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