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राजस्थान  कोटा 

फादर्स डे विशेष: मेरा अभिमान, स्वाभिमान, पहचान ही नहीं पूरा आसमान है पिता

फादर्स डे विशेष: मेरा अभिमान, स्वाभिमान, पहचान ही नहीं पूरा आसमान है पिता शहर में कुछ ऐसे भी पिता हैं जो अकेले ही माता-पिता दोनों की भूमिका बखूबी निभा रहे हैं। उन्होंने बच्चों की खुशी और उनकी परवरिश की खातिर विपरीत परिस्थियों में भी हिम्मत नहीं हारी। उनकी जिंदगी का एक ही मकसद रहा कि बच्चों की अच्छी परवरिश करनी है। उन्हें अच्छे संस्कार देकर काबिल बनाना है। आज फादर्स डे के अवसर पर ऐसे ही सिंगल फादर्स के बारे में बताएंगें जिन्होनें पिता होने के साथ-साथ मां के फर्ज को भी बखूबी निभा रहे हैं।
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