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ओपिनियन 

हिन्दी तो विविधता में एकता की भाषा है!

हिन्दी तो विविधता में एकता की भाषा है! भारत का भाषा परिवार हम से ये उम्मीद करता है कि कोई एक भाषा किसी दूसरी भाषा पर थोपी नहीं जानी चाहिए। क्योंकि हिन्दी भाषा की संरचनाएं प्रांतीय भाषाओं और बोलियों से ही सृजित और समृद्ध हुई है।
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