ट्रम्प ने ग्रीनलैंड पर अमेरिकी स्वामित्व की इच्छा का दिया संकेत
नियंत्रण एक बहुत ही जरूरी है
दुनिया में राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वतंत्रता के उद्देश्यों के लिये अमेरिका को लगता है कि ग्रीनलैंड का स्वामित्व और नियंत्रण एक बहुत ही जरूरी है।
वाशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड में एक नया अमेरिकी राजदूत नियुक्त करने के अपने फैसले पर टिप्पणी करते हुए ग्रीनलैंड पर अमेरिकी स्वामित्व को बेहद जरूरी बताया। उल्लेखनीय है कि ग्रीनलैंड 1953 तक डेनमार्क का उपनिवेश था। यह राज्य का ही हिस्सा बना रहा लेकिन वर्ष 2009 में इसे स्वशासन और घरेलू नीति में स्वतंत्र विकल्प बनाने की क्षमता के साथ स्वायत्तता प्राप्त हुई। ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर कहा कि दुनिया में राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वतंत्रता के उद्देश्यों के लिये अमेरिका को लगता है कि ग्रीनलैंड का स्वामित्व और नियंत्रण एक बहुत ही जरूरी है।
राजनेता ने कहा कि डेनमार्क में राजदूत पद के लिए उनके नामांकित व्यक्ति, स्वीडन में पूर्व अमेरिकी राजदूत और उद्यमी केन होवेरी, अमेरिका के हितों का प्रतिनिधित्व करने में एक अछ्वुत काम करेंगे। वर्ष 2019 में ट्रम्प द्वारा ग्रीनलैंड खरीदने पर विचार करने के बारे में मीडिया रिपोर्टों की एक श्रृंखला सामने आई। ट्रम्प ने बाद में पत्रकारों से पुष्टि की कि वह इस मुद्दे में रणनीतिक रूप से रुचि रखते हैं। वहीं ग्रीनलैंड ने कहा कि द्वीप बिक्री के लिए नहीं है और डेनमार्क ने बिक्री के विचार को ही बेतुका बताते हुए उम्मीद जताई कि ट्रम्प मजाक कर रहे हैं। अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी माइल्स टेलर ने अगस्त 2020 में एमएसएनबीसी के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि ट्रम्प की दिलचस्पी इस बात में थी कि क्या ग्रीनलैंड के लिए प्यूर्टो रिको का आदान-प्रदान किया जा सकता है।
ट्रम्प और पुतिन परमाणु क्षेत्र में आपसी प्रतिबंधों पर चर्चा करेंगे
एजेंसी/मॉस्को।अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच आगामी सीधी बातचीत के दौरान परमाणु क्षेत्र में दोनों देशों के बीच आपसी प्रतिबंधों के विकल्पों पर चर्चा की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन (एसीए) के कार्यकारी निदेशक डेरिल किमबॉल ने आरआईए नोवोस्ती को यह जानकारी दी। किमबॉल ने कहा कि आज तक ट्रम्प और उनकी टीम ने रूस के रणनीतिक शस्त्रागार से निपटने के लिए कोई योजना पेश नहीं की है और न ही राष्ट्रपति पुतिन ने, लेकिन संभावना है कि दोनों राष्ट्रपति यूक्रेन में संघर्ष और अन्य मुद्दों के संबंध में सीधी चर्चा में शामिल होंगे। एसीए प्रमुख ने कहा कि अमेरिका और रूस के बीच परमाणु हथियार नियंत्रण दोनों देशों के लिए एक आवश्यकता है। किमबॉल ने कहा कि हालांकि भरोसा अब तक के सबसे निचले स्तर पर हो सकता है, लेकिन यह दोनों पक्षों के लिए अभी या भविष्य में अप्रतिबंधित रणनीतिक परमाणु प्रतिस्पर्धा से बचने का एक बड़ा कारण है।
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