सड़क खराब मिलने पर निरीक्षणकर्ता की तय होगी जिम्मेदारी : दीया
विभागीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थी
कुमारी ने सभी अधिकारियों को नियमित फील्ड विजिट कर सड़कों की गुणवत्ता जांच करने के निर्देश दिए है। उन्होनें कहा कि अधिकारी जिन सड़कों का निरीक्षण करेंगे, उसकी रिपोर्ट हर सात दिन में प्रस्तुत करेंगे।
जयपुर। उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को विशेष अभियान चला कर दुर्घटना सम्भावित क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत, अतिक्रमण हटाने, स्पीड ब्रेकर ठीक करवाने, साईनेंज सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए है। डिप्टी सीएम निर्माण भवन में विभागीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थी।
हर सात दिन में देनी होगी निरीक्षण रिपोर्ट
कुमारी ने सभी अधिकारियों को नियमित फील्ड विजिट कर सड़कों की गुणवत्ता जांच करने के निर्देश दिए है। उन्होनें कहा कि अधिकारी जिन सड़कों का निरीक्षण करेंगे, उसकी रिपोर्ट हर सात दिन में प्रस्तुत करेंगे। यदि निरीक्षण की गई सड़कों की गुणवत्ता खराब मिलेगी तो निरीक्षण करने वाले अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी। उन्होंने बायो बिटूमिन का प्रयोग कर एक सड़क पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बजट घोषणाओं सहित अन्य योजनाओं के तहत बनने वाले पुल, सड़क आदि की डीपीआर बनाने का कार्य सेंट्रलाइज्ड किया जाए ताकि समय पर प्रोजेक्टस को शुरू करवाकर उन्हें तय अवधि में पूरा किया जा सकें। अभियान के दौरान दुर्घटनाएं कम करने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए।
टूटी सड़कों के लिए 965 करोड़ मंजूर
डिप्टी सीएम ने बताया कि वर्षा से क्षतिग्रस्त सड़कों की स्थाई मरम्मत के लिए 964.43 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। इस राशि से प्रदेश में वर्षा से क्षतिग्रस्त लगभग 2328 कार्यों की स्थायी मरम्मत करवाई जाएगी। इस राशि से सड़क पुल आदि की मरम्मत करवाई जाएगी।
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