मृतक ने तहसीलदार और एसडीएम पर लगाया जलाने का आरोप
करण सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई
मालाखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव चांदपहाड़ी में गत 13 जून को गैर खातेदार की भूमि पर बसे परिवार को हटाने गए पुलिस प्रशासन के दस्ते की मौजूदगी में कथित आत्मदाह का प्रयास करने वाले करण सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई।
अलवर। मालाखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव चांदपहाड़ी में गत 13 जून को गैर खातेदार की भूमि पर बसे परिवार को हटाने गए पुलिस प्रशासन के दस्ते की मौजूदगी में कथित आत्मदाह का प्रयास करने वाले करण सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई। इससे ग्रामीणों में आक्रोश हो गया। मौत से पहले अस्पताल में दिए गए बयान में मृतक करण सिंह ने एसडीएम, तहसीलदार व थानेदार पर उसे जलाने का आरोप लगाया है। 13 जून को पुलिस व प्रशासन की टीम अलवर के चांद पहाड़ी गांव में जमीन से कब्जा हटाने गई थी। इस दौरान विरोध कर रहे करण सिंह गुर्जर ने कथित तौर पर खुद को आग लगा ली थी। इसके बाद उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के दौरान करण ने दम तोड़ दिया। परिजनों का कहना है कि करण ने स्वयं ने आग नहीं लगाई, बल्कि पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने उसे आग के हवाले किया। यही बयान मृतक ने मौत से पहले दिया, जबकि पुलिस-प्रशासन का आरोप है कि युवक ने स्वयं ऐसा किया।
गांव में किए सुरक्षा व्यवस्था
अब यहां आमजन का विरोध बढ़ने की आशंका है। इसे देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। मृतक के भाई का आरोप है कि जिस जमीन पर प्रशासन की टीम कब्जा हटाने गए थी, उसे कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली के भाई ने खरीदा है। इस मामले पर मंत्री टीकाराम जूली ने कहा है कि उनका या उनके परिवार का इस जमीन या मामले से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है।
यह था मामला
अलवर तहसीलदार ने बताया कि 183-बी के आदेश पर कार्रवाई की जानी थी। जमीन से कब्जा हटाने के लिए तहसीलदार कोर्ट से अगस्त 2016 में फैसला आया था। कब्जेधारियों ने रेवेन्यू कोर्ट में अपील की थी। लेकिन उनकी अपील खारिज हो गई थी। हाल में एससी आयोग के चेयरमैन अलवर आए थे। इस दौरान उन्होंने ऐसे अवैध कब्जे हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद इस जमीन पर कब्जा हटाने के लिए गत सोमवार को टीम पहुंची थी। उन्होंने बताया कि 1.94 हैक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा था।
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