अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष : सूर्यनगरी के अनोखे रिकॉर्ड, साइकिल पर योग को देश-विदेश में दी पहचान
उम्र 74 वर्ष, 300 फीट ऊंची पहाड़ी पर योग, वह भी साइकिल पर
अमूमन रिटायरमेंट के बाद योग बुजुर्गों का पसंदीदा वर्कआउट होता है। सूर्यनगरी के 74 वर्षीय खींवराज गुर्जर जमीन पर नहीं बल्कि जमीन से 300 फीट ऊंची पहाड़ी पर साइकिल पर योग करते हैं। खींवराज को पहले से ही साइकिलिंग का शौक था
जोधपुर। अमूमन रिटायरमेंट के बाद योग बुजुर्गों का पसंदीदा वर्कआउट होता है। सूर्यनगरी के 74 वर्षीय खींवराज गुर्जर जमीन पर नहीं बल्कि जमीन से 300 फीट ऊंची पहाड़ी पर साइकिल पर योग करते हैं। खींवराज को पहले से ही साइकिलिंग का शौक था उस पर योग को मिक्स कर एक नई तरह का योग दुनिया के सामने लाए हैं। जिसे उन्होंने ‘पावर योगा’ नाम दिया है। इनका योग इतना प्रचलित है कि विदेशों से भी लोग इनका योग देखने आते हैं। खींवराज ने अपनी पोती का नाम भी योगा रखा है जो अभी विदेश में रह रही है।
क्या खास है साइकिल में
खींवराज जिस साइकिल पर योग करते हैं वह भी साधारण साइकिल नहीं है। इसका नाम है बीएमएक्स साइकिल है जो 12 किलो की है। खींवराज इसे कंधे पर टांगकर पहाड़ी पर चढ़ते हैं। साइकिल का हैंडल 90 डिग्री तक घूम जाता है। वे टायरों की हवा भी अपने हिसाब से रखते हैं जिससे साइकिल का बैलेंस बना रहे। खींवराज ने बताया कि ये साइकिल ताइवान में बनी है। मैंने इसे उस वक्त दुबई से 6000 रुपए में खरीदा था। इसमें एक पहिए में 140 ताड़ियां हैं।
खुद ही तोड़े अपने रिकॉर्ड
मेहरानगढ़ दुर्ग की जयपोल के बाहर का बुर्ज जिसकी ऊंचाई पहाड़ी सहित लगभग 600 फीट है और बुर्ज के ठीक किनारे पर साइकिल पर बैलेन्सिंग का दिल दहला देने वाला प्रदर्शन कर चुके हैं। उनके रिकॉर्ड कोई दूसरा नहीं वे खुद ही तोड़ते हैं। इस योग की बदौलत उनके लिम्का बुक ऑफ इंडिया रिकार्ड्स में 9 रिकार्ड्स सहित विदेशों में भी कई कीर्तिमान बने हैं।
साइकिलिंग में भी कीर्तिमान
खींवराज ने अब तक 1 लाख किलोमीटर से अधिक सफर साइकिल पर तय किया है। बिना रुके एक बार में 300 किलोमीटर साइकिल चला चुके हैं। जोधपुर से मुम्बई की 1000 किलोमीटर की दूरी इन्होंने साइकिल पर बिना ब्रैक लगाए तय की। माउन्ट आबू की घाटियों से इन्होंने बगैर ब्रेक लगाए साइकिल उतारी, वहीं पुष्कर की दुर्गम पहाड़ियों पर बगैर गियर के साइकिल चढ़ाई।
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